रानी की सराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। ईरान इजराइल जंग के बीच फंसी छात्रा थाना क्षेत्र के शाहकुंदनपुर निवासी अलीशा रविवार को घर पहुंची। छात्रा के घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। परिवार से मिलकर छात्रा प्रसन्न हुई। भारत सरकार के आपरेशन सिंधु पर खुशी जताई।
नसीम हैदर रिजवी की पुत्री अलीशा एमबीबीएस मेडिकल पढाई के लिए ईरान गई थी। दो वर्ष से वहां पढाई कर रही थी। इसी बीच 11 जून को इजराइल ने ईरान पर राकेट दागे। इसके बाद दोनो देशांे की ओर से बम के धमकांे से युद्ध हो रहे हैं। अगली सुबह धमकांे के बीच वहां रह रहे छात्रों को पता चला कि हमले हो रहे हैं। टीवी पर समाचार देख अलीशा के परिवार के लोगो ने फोन कर जानकारी लेने के साथ ही बेटी के वतन वापसी की राह देख रहे थे। अलीशा ने परिवार के लोगो को बताया कि हर समय बम के धमकांे की आवाज गूंज रही थी। भारतीय दूतावास द्वारा जारी एडवाइजरी के तहत हम लोग पडे़ रहे और वापस आने की गुहार लगाते रहे। भारत सरकार द्वारा आपरेशन सिंधु के तहत भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने का क्रम शुरु हुआ। वहां तेहरान की हालत बेहद खराब है। छात्रों को वहां से सुरक्षित निकाल कर अर्माेनिया यहां से राजधानी येरेवल में होटल में रखा गया। यहां से दोहा से कतर के रास्ते भारत दिल्ली लाया गया। दिल्ली से जो छात्र जहां के थे वहां भेजा जा रहा है। अलीशा दिल्ली से रविवार को वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंची जहां पहुंचे पिता घर लेकर आये। पिता नसीम हैदर रिजवी ने कहा भारत सरकार का अपने देश के लोगों के लिए चलाया गया आपरेशन सिंधु बेहतर प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी को धन्यवाद दिया।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा