‘रामचरितमानस’ को बकवास कहने पर स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने लिया आड़े हाथ
वाराणसी। धार्मिक ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ को बकवास कहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का विरोध काशी में भी शुरू हो गया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने स्वामी प्रसाद को चर्च टूल किट का हिस्सा बताया। कहा कि रामचरित मानस पर इस विवादित टिप्पणी की संत समिति कठोर निंदा करती है। उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री से लेकर कनार्टक तक नेताओं के बयानों को चर्च प्रायोजित वामपंथी टूलकिट का हिस्सा कहा। जीतेंद्रानंद ने कहा कि स्वामी प्रसाद भी उसी गैंग का सदस्य है। टूल किट के तहत काफी प्रायोजित ढंग से हिंदुओं को असहिष्णु का तमगा देने का प्रयास हो रहा है।
मुकदमा दर्ज करने की मांग
जीतेंद्रानंद ने कहा कि पहले वे आपके धर्म ग्रंथों को गालियां देंगे। इससे पूरे देश के हिंदू मानबिंदु को अस्थिर करेंगे। वहीं, जब हिंदू धर्म के लोग इसका विरोध करने सड़क पर उतरें, तो यह कहा जाएगा कि सरकार और हिंदू समाज असहिष्णु है। पुन: हिंदुओं की छवि पूरे दुनिया भर में असहिष्णु बनाने का चलन शुरू हो जाएगा। जीतेंद्रानंद ने कहा कि हम भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि रामचरित मानस ग्रंथ पर अवांछित टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या को जेल भेजा जाए। उस पर प्रदेश में अशांति और दंगा भड़काने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया जाए। आगे कहा कि 27 साल के बाभन धीरेंद्र शास्त्री के खड़े होते ही इन लोगों के रोम-रोम कांपने लगे। मजार पर चढ़ाने वाले चादर और खादर पर कभी आवाज नहीं उठाई।