डीजीसीए और एयरलाइंस के लिए की मांग
नई दिल्ली (सृष्टि मीडिया)। पिछले साल एयर इंडिया में हुए पेशाब कांड की पीड़िता ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया हैं। 72 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और एयरलाइन कंपनियों को मानक संचालन प्रक्रियाएं (SoP) और नियमों को निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की है। महिला ने कहा कि वह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विवश इसलिए हुई क्योंकि एयर इंडिया और DGCA घटना के बाद उसकी देखभाल और जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने में विफल रहे। साथ ही अनुमानों से भरे व्यापक राष्ट्रीय प्रेस की रिपोर्टिंग ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पीड़ित के रूप में याचिकाकर्ता के अधिकारों को गंभीर रूप से कम कर दिया। वहीं, निष्पक्ष रूप से अभियुक्तों के अधिकारों को भी प्रभावित किया है।
बीते 31 जनवरी को आरोपी को मिली जमानत
महिला ने अपनी याचिका में कहा ‘एयर सेवा‘ की शिकायत की चुनिंदा बातों के लीक होने से गवाहों के बयानों को मीडिया में जारी किए जाने के कारण स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई भी काफी हद तक प्रभावित हुई है। याचिका में कहा गया है कि मीडिया आउटलेट्स के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों का अभाव है कि उन्हें क्या रिपोर्टिंग करने की जरूरत है। असत्यापित बयानों के आधार पर मीडिया कवरेज का प्रभाव पीड़ित के साथ-साथ अभियुक्तों को भी प्रभावित करता है। बता दें कि इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शंकर मिश्रा को 31 जनवरी को जमानत दे दी थी। उस पर एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने का आरोप है। ट्रायल कोर्ट ने मिश्रा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी थी।