आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के उत्तरी क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी की रफ्तार मंगलवार को थम गई। सुबह चार सेमी की वृद्धि हुई, लेकिन शाम चार बजे सोमवार की तरह से 71.52 मीटर हो गया। पानी भी कम छोड़ा गया, जिससे ग्रामीणों में अब बाढ़ से निजात की उम्मीद जगने लगी है। सुबह हल्की वृद्धि से ही राहत का संकेत मिलना शुरू हो गया था, लेकिन शाम को ग्रामीणों की उम्मीदों पर मुहर लग गई। इस प्रकार सरयू नदी सोमवार की तरह से ही मंगलवार को भी खतरा निशान से 16 सेमी नीचे बह रही थी। दूसरी ओर दर्जन भर गांवों के रास्ते डूबने से क्षेत्र के ग्रामीण निजी नाव से आवागमन करने के लिए विवश रहे। कारण कि सरकारी स्तर पर नाव संचालन शुरू नहीं किया गया है।
शुक्रवार को एक बार फिर बाढ़ की वापसी शुरू हुई तो 10वीं बार फिर उफान मारने लगी है। जमुआरी, बूढ़नपट्टी, बांका, चक्की, सोनौरा, बेलहिया सहित दर्जन भर से ज्यादा गांवों के रास्ते डूबने से आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जमुआरी सहित पांच स्थानों पर नाव का संचालन किया जा रहा है। रास्तों पर पानी भरने से ग्रामीणों के सामने पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या बढ़ने लगी है।
इस बीच 85वें दिन तीन बैराजों से 1,73,556 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से भी ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। बाढ़ क्षेत्र के लोगों का मानना है कि लगातार कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से ही जलस्तर बढ़ने का अंदेशा रहता है। इस प्रकार अब तक 2 करोड़ 21 लाख 85 हजार 517 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन 1 सितंबर, 66वें दिन 12 सितंबर व 79वें दिन 25 सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया था। राहत की बात यह भी कि अभी कटान रुकी हुई है। मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। सोमवार की तरह से मंगलवार को भी जलस्तर 71.52 मीटर रहा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार