आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन महानवमी को घरों और मंदिरों में पूजा-अर्चना, हवन के बाद पंडालों में स्थापित दुर्गा प्रतिमा के दर्शन को श्रद्धालुओं के कदम बढ़ने शुरू हुए, तो देर रात तक सड़कों पर भीड़ बनी रही। नवमी को यहां छोटका दशहरा भी कहा जाता है।
हालांकि अष्टमी की शाम से ही पूजा पंडालों में दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो गया था। नवमी को घरों की पूजा के बाद दोपहर से ही श्रद्धालुओं के कदम बढ़ने लगे थे प्रतिमा दर्शन के लिए। विजयदशमी के एक दिन पहले वाली तिथि को लोग छोटका दशहरा भी कहते हैं और पूजा पंडालों पर इसी दिन से देवी मूर्तियों के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू होती है। मेले में आने वाली भीड़ को ध्यान में रख सड़क किनारे मिष्ठान, चोटहिया जलेबी के साथ ही खिलौने-गुब्बारे की दुकानें सज गई हैं। हर तरफ जलेबी की भीनी खुशबू उठने लगी है। पूजा पंडालों के आसपास आकर्षक सजावट की गई है। पूजा कमेटियों के जिम्मेदार लोग पंडाल के पास व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। देवी का दर्शन कर हर कोई अपने परिवार के मंगल एवं सुख शांति की कामना कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग हर बाजार में छोटे-बड़े पंडाल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। मां दुर्गा की एक झलक पाने के साथ श्रद्धालु मां का जयकारा लगा रहे हैं। कुल मिलाकर दुर्गा पूजा में जहां हर तरफ वातावरण देवीमय हो गया है, वहीं हर तरफ रौनक बढ़ गई है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार