बिलरियागंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय नगर पालिका क्षेत्र में मिलावटी सामान का धंधा लगातार फल-फूल रहा है। सूत्रों के अनुसार, कुछ खास लोगों की मिलीभगत से अधिकारियों तक मोटी रकम पहुंचाई जाती है, जिसके चलते मिलावटखोरी पर रोक लगाने की कार्यवाही सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी किसी अधिकारी के आने की सूचना मिलती है, तो बाजार की अधिकांश दुकानें अचानक बंद हो जाती हैं। यह भी सवाल खड़ा करता है कि विभाग के अंदर ही कौन ऐसे लोग हैं जो निरीक्षण से पहले ही दुकानदारों को जानकारी पहुंचा देते हैं। नतीजतन, अधिकारी के बाजार पहुंचने से पहले ही दुकानें बंद हो जाती हैं और खानापूर्ति करके वे वापस लौट जाते हैं।
सूबे की सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि मिलावटी सामान की बिक्री किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद विभागीय उदासीनता और मिलीभगत से आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा मामला दो दिन पहले का है, जब सैम्पल इंस्पेक्टर गोविन्द यादव बिलरियागंज पहुंचे, लेकिन बिना किसी जांच-पड़ताल के ही वापस लौट गए। इससे स्थानीय लोगों में संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं पूरा खेल मिलीभगत का तो नहीं।
जनता की मांग है कि प्रदेश के उच्च अधिकारी इस मामले का संज्ञान लें और कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें, ताकि लोगों को उनके पैसे के बदले शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिल सके और मिलावटखोरी पर वास्तविक अंकुश लगाया जा सके।
रिपोर्ट-तारकेश्वर मिश्र