मार्टिनगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विकास खंड ठेकमा के शिकायतकर्ता शैलेश यादव का आरोप है कि उर्मिला देवी आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर कार्यरत है। उनके द्वारा दिए गए साक्ष्य में जन्मतिथि 1995 बताई गई है जबकि अन्य साक्ष्य में उनकी पुत्री का जन्म 2001 में दिखाया गया है जिससे यह सिद्ध होता है कि आंगनबाड़ी सहायिका 6 साल की उम्र में ही मां बन गई थी।
आंगनवाड़ी सहायिका द्वारा नौकरी करते हुए अपनी उम्र कम करने के लिए रेगुलर पढ़ाई का रजिस्ट्रेशन कराकर बबुना देवी इंटर कालेज बड़गहन से हाई स्कूल एवं इंटर की परीक्षा पास की जबकि यह लगभग 20 साल से सहायिका पद पर कार्यरत हैं तथा अपनी सहायिका के पद को छुपाते हुए फर्जीवाड़ा करके अपनी नियुक्ति आंगनबाड़ी कार्यकत्री पद पर करवा ली है। साक्षयांे में बताया गया है कि इन्होंने हाई स्कूल की मार्कशीट से आवेदन किया जिसमें जन्मतिथि 1995 में बताई गई है। यह विकलांग पेंशन भी लेती हैं विकलांग पेंशन पर उनकी उम्र 45 वर्ष परिवार रजिस्टर में उनकी उम्र एक मार्च 1958 दर्ज है तथा राशन कार्ड में 1981 है। इन तमाम साक्ष्य को छुपा कर सीडीपीओ ठेकमा सुशीला गुप्ता एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह द्वारा इनकी नियुक्ति आंगनबाड़ी कार्यकर्ती इरनी कर दी गई है। जिसकी शिकायत मंडलाआयुक्त से शैलेश कुमार यादव निवासी ग्राम सभा ईरनी द्वारा किया गया है। सीडीपीओ सुशील गुप्ता द्वारा बताया गया कि उर्मिला देवी आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर ग्राम सभा ईरनी में कार्यरत थी जिन्हें अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के पद पर नियुक्त कर दिया गया है। इनके द्वारा दिए गए साक्ष्यांे की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट-अद्याप्रसाद तिवारी