अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय निरीक्षण भवन में रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों व आजमगढ़ से आए लेखपालों ने पंचायती राज मंत्री को ज्ञापन सौंपकर अंतर्मंडलीय स्थानांतरण की प्रक्रिया में आ रही बाधा को शीघ्र पूरी कराने की मांग की। इस दौरान लेखपालों ने पारिवारिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का विस्तृत उल्लेख करते हुए शासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की भी अपील की।
लेखपालों ने बताया कि सीमित वेतन पर काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी मध्यम या निम्नवर्गीय पृष्ठभूमि से आते हैं। हजार किलोमीटर दूर तैनाती के कारण उनके परिवार दो हिस्सों में बंट गए हैं, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वृद्ध माता-पिता की देखभाल और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे परिजनों की सेवा कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।
योगिता सिंह समेत कई लेखपालों ने बताया कि गृह जनपद से सैकड़ों किलोमीटर दूर होने की वजह से विवाह में कठिनाइयां आ रही हैं, वहीं जिनका विवाह हो चुका है उनका पारिवारिक जीवन संकट में है। उन्होंने कहा कि शासन ने 23 अगस्त 2018 को अंतर्मंडलीय स्थानांतरण के लिए शासनादेश जारी किया था। अब तक दो चरणों में लगभग 700 लेखपालों को लाभ मिला है। इसी वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में ऑनलाइन आवेदन भी पूरे कराए गए, लेकिन किन्ही कारणों से अब तक आदेश जारी नहीं हुए।
लेखपाल विकास मिश्र, संघ के जिलाध्यक्ष अंजनी कुमार तिवारी, जिला मंत्री लालधर यादव ने मांग की कि पारिवारिक और स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए स्थानांतरण आदेश शीघ्र जारी किए जाएं।
सुभाषपा प्रदेश अध्यक्ष खुर्शीद आलम एवं प्रदेश सचिव चंद्रजीत राजभर ने कहा कि लगभग 15 वर्षों से लेखपाल स्थानांतरण को लेकर परेशान हैं, उनके परिवार बिखरे पड़े हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंत्री जी ने मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा की है और जल्द ही समाधान होगा। प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद खान ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि लेखपालों की यह गंभीर समस्या दूर हो।
रिपोर्ट-आशीष निषाद