लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बसही इकबालपुर में मदरसा सफीना ए हक के छात्र अब्दुल अजीम पुत्र मास्टर सहीम अहमद निवासी मुरारा केराकत के हाफिज बनने पर गुरूवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया। आरंभ तिलावत कुरान व नात-ए-पाक से हुआ। तत्पश्चात मुफ्ती सुफयान अहमद मजाहिरी ने विरासत में बहनों के अधिकारों पर संक्षिप्त बयान दिया। इसके बाद मौलाना खालिद आजमी ने कुरान के संबंध में जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान एक ऐसी किताब है जिसमें एक भी अक्षर नहीं बदला जा सका है। जो कोई भी पवित्र कुरान की शिक्षाओं का पालन करेगा, अल्लाह उसे दीन और दुनिया दोनों में सफलता प्रदान करेगा। मौलाना अब्दुल मजीद रशीदी ने समाज में व्याप्त कई बुराइयों की ओर इशारा किया और उनसे बचने की सलाह दी।
अंत में विशिष्ट अतिथि मौलाना अब्दुल रशीद ने कहा कि ये हाफिज बहुत मूल्यवान होते हैं। उन्होंने कहा अल्लाह न केवल हाफिज का बल्कि उनके माता-पिता का भी कयामत के दिन सम्मान करेगा। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी कुरान याद कर लेते हैं उन्हें याद रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता को भी उन पर बराबर नजर रखनी चाहिए। संचालन के कर्तव्यों का पालन गाँव के धार्मिक विद्वान और मदरसा के प्रधानाध्यापक मौलाना अतीउल्लाह द्वारा किया जाता था। मौलाना इरफान द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत और बारगाह रिसालत में नजराना हाफिज हबीब-उर-रहमान बसही इकबालपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद