तड़प उठा इंसान, हर मुख से निकला अब रहम करो भगवान

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पिछले एक पखवारे से तीखी धूप और प्रचंड गर्मी में शनिवार को एक बार फिर वृद्धि रिकार्ड की गई। एक डिग्री सेल्सियस के उछाल के साथ अधिकतम पारा 46 तो न्यूनतम 31 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 14 किलोमीटर तक की गति से चली पछुआ हवा ने घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया। बसों और टैक्सियों से यात्रा कह हिम्मत नहीं हो सकी। विवशता में जो लोग रोडवेज या टैक्सी स्टैंड पर पहुंचे भी वह बेचैन हो रहे थे, क्योंकि वाहन के अंदर बैठने पर तवे की तरह से तपन का अहसास हो रहा था।
समस्या यह कि अगर सीट से ज्यादा सवारी भरे बिना चालक वाहन को आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं होते और छाया के लिए उतर गए, तो बाद में खड़े होकर सफर करने नौबत आ जाएगी। तीखी धूप के कारण एक ओर जहां किसानों के लिए अगेती धान की नर्सरी बचाना चुनौती बन गई है, वहीं मौसमी सब्जियोें की पैदावार कम होने से हर दिन सब्जी का दाम आसमान छू रहा है। तीखी धूप के बीच उन लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें रोज की कमाई से घर की जरूरतें पूरी करनी है। ठेले पर सामान बेचकर गुजर करने वालों को घर से निकलना मजबूरी है, तो भवन निर्माण कार्य में लगे मजदूर भी सुबह ही अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचने को विवश होते है।
आसमान से बरस रही आग और गर्म हवा के थपेड़ों से जनमानस परेशान है। राहत के लिए कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। दिन में तीखी धूप के कारण हर कोई बेचैनी महसूस कर रहा है, तो रात में भी तपन महसूस होने से नींद पूरी नहीं हो पा रही है।
इस दौरान ओवरलोडिंग के कारण अनियमित बिजली कटौती ने समस्या को और भी बढ़ा दिया है। कभी-कभी तो पानी का भी संकट उत्पन्न हो जा रहा है। सुबह के सात बजते ही सूर्य की किरणें अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर देती हैं, जिसके चलते घर से निकलना मुश्किल हो जा रहा है। सुबह के नौ बजने के साथ टंकियों में स्टोर पानी खौलने लगता है, जिससे स्नान आदि की समस्या खड़ी हो गई है। यह समस्या उन लोगों के सामने ज्यादा है, जो किराए के मकान में रहते हैं। लगातार कई दिनों से तापमान 40 डिग्री पार होने से धरती आग उगलने लगी है। दोपहर में शहर की सड़कें सूनी हो जा रही हैं। लोग पेड़ की छांव के नीचे जाकर राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में वह भी नहीं है। बिजली की अनियमित कटौती से खासकर घर के अंदर महिलाएं व बच्चे पूरी तरह से बेचैन हो जा रहे हैं। आपूर्ति शुरू होने पर एसी व कूलर भी राहत नहीं दे पा रहे हैं। दिन तो दिन रात को भी चैन नहीं मिल पा रहा है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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