परतंत्र और स्वतंत्र भारत में है जमीन आसमान का अंतर

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लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील के चेवार पश्चिम गांव के 99 वर्षीय राम अधार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अंग्रेजों की बर्बरता देखी है। अंग्रेजों का बड़ा खौफ रहता था। उस समय के दरोगा तथा चौकीदार और अंग्रेजों के कारिंदे लोगों का उत्पीड़न करते थे। जिसके घर चाहते थे उसके घर में घुसकर लूटपाट कर लेते थे। सभी लोग खौफजदा रहते थे क्योंकि अंग्रेजों के कारिंदे जिसे चाहते थे उसे बेइज्जत कर देते थे जिनके घर में चासते थे घुस जाया करते थे और सामान आदि लूट लिया करते थे।
चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र के सारंगपुर निवासी पारसनाथ सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध अपने हिसाब से लड़ाई लड़ी जिसके कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्हें सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित किया। उन्होंने बताया कि उस समय काफी गरीबी थी खाने को नहीं अटता था कपड़ा और जूता चप्पल भी नहीं मिल पाता था। घर में पुआल डालकर एक रजाई में कई कई लोग सोया करते थे आज बहुत आसानी है और सब कुछ उपलब्ध है। धीरे-धीरे समय बदल गया और लोगों में खुशहाली आना शुरू हो गई। गांव के अनिल कुमार सिंह ने बताया कि रामाधार गुप्ता की क्षेत्र में काफी कद्र की जाती है क्योंकि वह हर सुख दुख में पैदल ही लोगों के घर तक पहुंच जाते हैं। एक स्कूल के प्रबंधक राजेंद्र सिंह ने बताया कि रामाधार गुप्ता का क्षेत्र में काफी सम्मान है। उनके पुत्र नागा गुप्ता ने बताया कि उनका लगातार वाराणसी से उपचार चलता रहता है। निरंतर जांच और दवा चलती रहती है तथा उनकी सेहत का परिवार के लोग पूरी तरह ध्यान रखते हैं। वह कहते हैं कि नौजवानों को नशा से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद

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