बदलते मौसम में वायरल बुखार से बचें, रहें सतर्क: डॉ. राजनाथ

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मौसम के बदलाव के साथ शरीर में कई तरह की बीमारियाँ शुरू हो जाती हैं, उन्हीं में से एक वायरल बुखार है। मौसमी बुखार लगभग पांच दिनों तक रहता है, लेकिन तीन दिनों के बाद ये कम होना शुरू हो जाता है। अगर सतर्क रहेंगे तो इस बीमारी से बच जायेंगे। उक्त बाते वरिष्ठ परामर्शदाता एवं फिजीशियन डॉ.राजनाथ ने कही।
उन्होंने बताया कि मंडलीय जिला चिकित्सालय ओपीडी में इस समय लगभग 90 से 100 मरीज आ रहे हैं, जिसमें से 15 से 20 मरीज सर्दी, खांसी, जुकाम तथा वायरल बुखार के होते हैं। उन्होंने बताया कि बदलते मौसम के दौरान वायरल बुखार होना आम बात है। ये बच्चों और बूढ़ों को सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है। इसकी वजह कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है। आमतौर पर देखा गया है कि बुखार होने पर लोग बिना डॉक्टर की सलाह के ही दवा ले लेते हैं जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। वायरल बुखार में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेना खतरनाक साबित हो सकता है। वायरल बुखार अमूमन पांच दिनों तक रहता है, लेकिन कभी-कभी ये भी देखा गया है कि ये मौसमी बुखार ठीक होने में लगभग 10-12 दिनों का समय ले लेता है। इसलिए अगर शुरूआत के दिनों में ही आप डॉक्टर से सलाह ले लेते हैं, तो इसके जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। डा. सिंह ने बताया कि वायरल बुखार का मतलब है वायरस से होने वाला बुखार, संक्रमण, वायरल बुखार भी आम बुखार की तरह ही होता है। वायरल बुखार होने पर शुरुआती दौर में शरीर में तेज दर्द होना, शरीर में थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
रिपोर्ट-प्रमोद कुमार यादव

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