कथा पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन में संतुलन स्थापित करने का साधन: कौशल किशोर

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माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नगर पंचायत माहुल के सिद्धपीठ काली चौरा मन्दिर पर चल रही श्री शक्ति मानस यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को कथा वाचक पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने भगवान राम के जन्म के गूढ़ रहस्य, उद्देश्य और वर्तमान परिवेश में उनके आदर्श आदि वृत्तांत की कथा को विस्तार से बताया।
पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने भगवान राम के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ इसका उद्देश्य ब्रह्मांड में सनातन और मर्यादा की रक्षा के लिए हुआ। उन्होंने हर क्षेत्र में मर्यादा की रक्षा किया और वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। भगवान राम ने चराचर जगत को मर्यादा का पालन, धर्म का निर्वाह, निस्वार्थ सेवा और पारिवारिक मूल्यों के सम्मान को करना सिखाया। राम ने अपने संपूर्ण जीवन में धैर्य, करुणा और संयम को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि राम के आदर्श यदि मनुष्य अपने जीवन में उतार ले और उसी के हिसाब से आचरण करे तभी राम राज्य आ सकता है और राम राज्य की शुरुआत परिवार से होती है यदि परिवार का हर सदस्य को दायित्व के बोध के साथ ही साथ उसमें संतुलन स्थापित कर अपने अपने कार्य को धैर्य और करुणा के साथ संपादित करे तो यही सच्चा राम राज्य है। कथा शुभारंभ से पहले भाजपा नेता उमाकांत मिश्रा ने पंडित कौशल किशोर जी महाराज की आरती उतारी और उन्हें माला पहना कर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर विमलेश पाण्डेय, पंडित धरणीधर पाण्डेय, सुबास मौर्य, दिलीप सिंह, हरिकेश गुप्ता, संजय मोदनवाल, शिवशंकर मिश्र, शंकर सेठ सुरेंद्र अग्रहरि आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-श्यामसिंह

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