आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों ने प्रदर्शन करते हुए 11 सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से सचिव भारत सरकार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को ज्ञापन भेजा।
प्रदर्शन कर रहे एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि 19 अप्रैल के मांग पत्र पर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसलिए विवश होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। एसोसिएशन का आरोप है कि मंत्रालय द्वारा गठित डिनोबा समिति की सिफारिश के अनुरूप एलपीजी वितरकों के सेवा प्रभार में वृद्धि नहीं किया जाना वितरकों के अधिकारों का हनन है। एलपीजी वितरकों को प्रशासकीय प्रभार एवं डिलीवरी प्रभार में कोविड के कारण वृद्धि नहीं की गयी। दो साल बाद मई 2022 में जो वृद्धि की गयी वह अत्यंत कम थी। इससे वितरकों में असंतोष व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भारत सरकार एलपीजी वितरकों को गरिमा के अनुरूप जीवन यापन करने के लिए उनकी लागत के अनुसार सेवा शुल्क नहीं देती है तो उनके पास आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। वर्तमान महंगाई के अनुसार एलपीजी वितरकों को उनकी लागत के अनुसार होम डिलेवरी और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज में 75 रुपये की तत्काल वृद्धि की जाय।
इस अवसर पर दूधनाथ सरोज, प्रशांत अग्रवाल, प्रमोद यादव, चंद्रमणि यादव, कीर्ति प्रकाश, आलोक सिंह, हरिशंकर यादव, विनय कुमार उपाध्याय, राजेश यादव, प्रदीप कुमार सिंह, हरि प्रकाश सिंह, प्रवीण कुमार राय आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार