आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। भारतीय परंपरा और त्योहार सबसे निराला है। जिसके शरीर में निवास करते हैं करोड़ों देवी-देवता उस गो माता के लिए निर्धारित गोपाष्टमी पर हर कोई श्रद्धानवत दिखा। शहर के पहाड़पुर स्थित श्रीकृष्ण गोशाला में हवन-पूजन व गाय को नहलाने के बाद तिलक लगाकर केला, चना, गुड़, पूरी-हलवा खिलाया गया और उसके बाद आरती उतारकर संपन्नता का आशीष मांगा गया।
इसके अलावा जगह-जगह लोगों ने गो माता की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। जिनके घरों में गाय पालन नहीं होता उन लोगों ने स्नान के बाद आसपास जाकर गो माता का पूजन-अर्चन कर फल और मिष्ठान खिलाया। उसके बाद गाय का पैर छूकर आशीर्वाद मांगा। श्रीकृष्ण गौशाला में प्रातःकाल हवन-पूजन के साथ गो पूजन किया गया। उसके बाद समस्त रोगों व सांसारिक बाधाओं से मुक्ति के लिए खुद के वजन के बराकर कई लोगों ने चारा दान किया। होम्योपैथिक चिकित्सक डा. भक्तवत्सल ने साल भर तक जरूरत के अनुसार सभी गायों के इलाज का एलान किया। साथ ही परिसर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस बार खास बात यह रही कि हरा चारा के नाम पर तमाम लोग गाय को खिलाने के लिए अपने साथ पालक का साग भी ले आए थे।
गोपाष्टमी का पर्व मुख्य रूप से दो कारणों से मनाया जाता है। पहला जब भगवान कृष्ण पहली बार गाय चराने के लिए निकले थे और दूसरा यह कि गोवर्धन पूजा के सात दिनों के बाद जब इंद्रदेव ने अपनी हार स्वीकार कर भगवान कृष्ण का अभिषेक किया था। इस दिन गायों, बछड़ों और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। दिन पर लोग गायों की पूजा करते हैं।
इस अवसर पर गोशाला समिति के अध्यक्ष अनूप कुमार अग्रवाल, ओम प्रकाश अग्रवाल, पारितोष रुंगटा, सुनील अग्रवाल, अखिलेश मिश्रा गुड्डू, प्रवीण कुमार सिंह, डा. केएम बरनवाल, डा. विनय कुमार सिंह यादव, डॉ. निशा कुमारी, श्रेय अग्रवाल, रमाकांत वर्मा, सीताराम पांडेय, पवन अग्रवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल लड्डू, सुमित गोयल, अमन गर्ग, डेविड अग्रवाल, अमृत अग्रवाल, गगन अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, पंकज अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-सुबास लाल