निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुख्यमंत्री द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए आउटसोर्स सेवा निगम बनाने के निर्णय की सर्वत्र सराहना हो रही है। इससे जहां रोजगार के नये अवसर मिलेगें वही पूर्ववर्ती सरकारों से हो रहे कर्मचारियों के शोषण भी समाप्त होगें। किन्तु इसी बीच आजमगढ राजकीय मेडिकल कालेज में कार्यरत 110 सुरक्षा कर्मियों के सामने नौकरी बचाने का संकट उत्पन्न हो गया है।
एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने बताया कि यहां 2012 से सुरक्षाकर्मी के रूप में कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान इन्होने परिश्रम और तन्मयता से अपनी ड्यूटी भी निभाई इसके लिए इन्हे सम्मानित भी किया गया। वर्षाे सेवा के बाद इन्हे कार्यमुक्त कर दिया गया है। जबकि समय-समय पर शासन के निर्देशों में साफ कहा गया है कि कोविड के दौरान सेवा देने वाले सुरक्षा कर्मियों को वरीयता दी जायेगी। आवश्यकता अनुसार यदि कहीं नई भर्ती होती है, तो पहले पुराने कर्मचारियों को वरीयता में समायोजित किया जायेगा। किन्तु राजकीय मेडिकल कालेज आजमगढ मंे ऐसा नही किया गया जिससे 110 आउटसोर्स कर्मचारियों पर नौकरी का संकट आन पडा है।
श्री पाठक ने राजकीय मेडिकल कालेज आजमगढ में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर आये संकट के समाधान की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए रिक्तियों के सापेक्ष उनके समायोजन में प्राथमिकता दिये जाने की मांग की।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र