आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। डीएवी पीजी कॉलेज के नवउद्घाटित स्मार्ट सेमिनार हाल में शुक्रवार को महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार की अध्यक्षता में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.कन्हैया सिंह के 91वें जयन्ती पर हिंदुस्तानी अकादमी प्रयागराज और हिंदी विभाग डीएवी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ’डॉ. कन्हैया सिंह का साहित्यिक प्रदेय’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन हुआ।
नया परिमल साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में गत वर्ष से प्रारम्भ ’डॉ.कन्हैया सिंह साहित्य सम्मान’ से हिंदुस्तानी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.उदय प्रताप सिंह को कुलपति के हाथों विभूषित किया गया। कुलपति ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा और हिंदी साहित्य के प्रखर मनीषी डॉ.कन्हैया सिंह का साहित्यिक प्रदेय एक ज्वलन्त मशाल की तरह युगों युगों तक समाज का पथ प्रदर्शन करता रहेगा। सुहेलदेव विश्वविद्यालय के अधीन हिंदी साहित्य के पाठ्यक्रम में अपेक्षित संशोधन के साथ डॉ.कन्हैया सिंह द्वारा जीवंत हिंदी साहित्य की विधा पाठालोचन के प्रश्नपत्र और पाठ्यक्रम का विकास किया जाएगा जिससे उनके कार्यों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
डॉ.कन्हैया सिंह के पौत्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ.विनम्रसेन सिंह ने डॉ.सिंह के साहित्य और समाज के प्रति अवदानों का उल्लेख करते हुए उनके राष्ट्रवादी चिन्तन और साहित्य से समाज के दिग्दर्शन की परंपरा को जीवित रखने का संकल्प लिया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो.योगेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन, लक्ष्मीनारायण मिश्र और हरिऔध जी की धरती पर अवतरित डॉ.कन्हैया सिंह भी उसी साहित्यिक धारा की अगली कड़ी बनें जिस स्वतंत्र साहित्यिक चिंतन की आधारशिला उन चिंतकों ने स्थापित की थी। उनके साहित्यिक सेवा और अवदान के लिये साहित्य जगत सदैव ऋणी रहेगा।
विशिष्ट वक्ता सुहेलदेव विश्विद्यालय के डीन, कला संकाय प्रो.देवेन्द्र प्रताप सिंह ने डॉ. सिंह के साहित्यिक सृजन की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को प्रो.उदय प्रताप सिंह, राजीव रंजन सिंह, ने भी संबोधित किया।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता कर रहे कृषि वैज्ञानिक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.रामकठिन सिंह ने अपनी कविताओं के माध्यम से डॉ. सिंह के जीवन दर्शन का मर्म प्रकाशित करते हुए उन्हें सदा सदा के लिए प्रकाशित रहने वाले ज्ञान नक्षत्र की संज्ञा दी।
इस मौके पर प्रो.सुरेन्द्र दुबे, प्रो. सुजीत कुमार सिंह, प्रो.चितरंजन कुमार, प्रो.देवेंद्र, प्रो.सर्वेश पाण्डेय, प्रो.प्रेमचंद्र यादव, प्रो.गीता सिंह, अवनीश राय, प्रो.सुधा सिंह, डॉ.अखिलेश, निधि सिंह, डॉ.अरूणिमा सिंह, चित्रसेन सिंह, विनीत सिंह, निवेदिता सिंह, प्रो.राकेश यादव, डॉ. अनिल, डॉ.प्रकाशचंद, डॉ.अरुण सिंह, ले.डॉ.पंकज सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-सुबास लाल