प्रबंधन के विरोध में बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को लगातार 233वें दिन बिजली कर्मियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन द्वारा निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने हेतु बिजली कर्मियों पर मनमाने ढंग से की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों का कड़ा विरोध करते हुए चेतावनी दी कि यदि उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां बंद न की गई तो बिजली कर्मी आगामी 22 जुलाई को प्रांतव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता विगत आठ माह से शांति पूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शन से बौखलाए पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन ने बिजली कर्मियों का मनोबल तोड़ने के लिए बिजली कर्मियों के घरों पर रियायती बिजली इससे बिजली कर्मचारी और पेंशनर तथा उनके परिवार प्रभावित हो रहे है। प्रबंधन स्मार्ट मीटर लगाने के लिए परिवारों का उत्पीड़न करने पर उतर आया है।
फेशियल अटेंडेंस के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं का जून माह का वेतन रोक दिया गया है। यह सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर आ रहे हैं, अपना कार्य कर रहे हैं। किंतु जुलाई माह की 18 तारीख हो जाने तक इन कर्मचारियों को जून माह का भी वेतन नहीं दिया गया है।
इस मौके पर प्रभु नारायण पांडेय, अशेष सिंह, रोशन यादव, रवि शंकर गुप्ता, जय प्रकाश यादव, धीरज पटेल, चन्द्रशेखर, महेश, राम अवध, वीर विक्रम सिंह, उपेंद्र नाथ, वेद यादव आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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