आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विकास खण्ड पवई, तरवां, अतरौलिया व कोयलसा, आजमगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 व विनियम 2011 के अन्तर्गत खाद्य जागरूकता का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग कुल 500 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीत कुमार सिंह, संजय कुमार तिवारी तथा सूचित प्रसाद व बेबी सोनम एवं संबंधित विकास खण्ड के सीडीपीओ के सहयोग से खाद्य सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।
खाद्य सुरक्षा आधिकारी संजय कुमार तिवारी व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रशिक्षण में मुख्य रूप से व्यक्तिगत व परिसर की साफ-सफाई पर प्रशिक्षित किया गया। उन्होने इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि कि खाद्य जनित बिमारियां ज्यादातर गंदगी एवं संदूषित खाद्य पदार्थाे के कारण होती हैं जिसे हम कुछ बातें ध्यान में रखकर इसे बचा सकते हैं, जैसे कि सभी कार्यकत्री अपने नाखून को छोटा एवं बालों को बांधकर रखें एवं यथा सम्भव अपने छोटे आभूषणों को न पहनें। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पैक्ड खाद्य पदार्थों जैसे रिफाइण्ड तेल, दाल व दलिया पर दो बातों का विशेष ध्यान दें बेस्ट बिफोर, यूज बाई डेट, एक्पायरी देखें तथा बैच नम्बर, लॉट नम्बर का अवलोकन करें, इन सभी बातों से खाद्य पदार्थ के निर्माण की तिथि तथा बैच नम्बर से उसके उद्गम का पता लगाया जा सकता है, जिससे सम्भावित खाद्य जनित समस्याओं का निराकरण करने में मदद मिलेगी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने खाद्य पदार्थाे के रख-रखाव के बारे में विस्तार से बताया। अन्त में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र का निःशुल्क खाद्य पंजीकरण खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत पंजीकरण कराना विधिक रूप से अनिवार्य है। पंजीकरण के लिए प्रत्येक केन्द्र प्रभारी का आधार कार्ड, फोटो व मोबाइल नम्बर खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (ेिेंप) की अधिकृत वेब साइड पर निःशुल्क आवेदन किया जा सकता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया गया तथा उनके आशंकाओं का समाधान किया गया।
रिपोर्ट-सुबास लाल