आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बुधवार की शाम हरिऔध कला केंद्र में भारतीय वेशभूषा एवं परिधानों पर आयोजित ब्यूटी कॉन्टेस्ट के आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि आज लोगों ने अच्छे वस्त्रों, परिधानों को पहनना आधुनिकता का प्रतीक, पहचान माना है। जब भी हम भारतीय संस्कृति के वेशभूषा के परिधान पर आधारित इस प्रकार का ब्यूटी कॉन्टेस्ट देखते हैं तो हमें अपनी संस्कृति याद आती है। उन्होंने कहा कि अभी जो राजस्थानी परिधानों का कैट वॉक जब राजस्थानी गानों के बीच किया गया, तो सभी को लगा होगा कि हम राजस्थान, कोटा में हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारत के विभिन्न प्रदेशों में विविध प्रकार के परिधान पहने जाते हैं। जैसे पंजाब में पुरुष कुर्ता पजामा, महिलाएं सलवार सूट पहनती हैं, असम जाए तो धोती, शर्ट और गमछा तथा महिलाएं साड़ियां पहनती है। उन्होंने कहा कि ये परिधान हमें बतौर संस्कृति की याद दिलाता है कि हमारी सभ्यता और संस्कृति वहां के मौसम के आधार पर, वहां की परिस्थितियों के आधार पर बिल्कुल स्वास्थ्य के अनुसार सूट करता है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में लोग टाई सूट, बंद गला का कपड़ा पहनते हैं, यह हमें सूट नहीं करता है, यह यूरोप में सूट करता है, जहां हमेशा तापमान कम रहता है।
उन्होंने कहा कि हमारे जो वस्त्र और परिधान बने हैं, वह हजारों वर्षों में रिवॉल्व हुआ है, वह यहां के वातावरण, काम करने की पद्धति एवं स्वास्थ्य के बहुत अनुकूल है। इसलिए लोगों को अपनी पुरानी संस्कृति को उजागर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको उजागर करने से हमें गर्व महसूस होना चाहिए है। इसके जो भी प्रतिभागी हैं, जो यहां जीतेंगे, उन्हें प्रदेश स्तर, राष्ट्रीय स्तर और उससे भी ऊपर जाने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से गांव स्तर से निकलकर ऊपर जाने का अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका चोपड़ा, सुष्मिता सेन एवं अन्य लोगों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिस इंडिया मिस यूनिवर्स विजेता हुए हैं वह प्रदेश और राष्ट्र के स्तर से ऊपर उठे हैं। उन्होंने कहा कि इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस प्रकार के कॉन्टेस्ट में भाग लेने वाले प्रतिभागी हमेशा अपने आप को फिट और स्वस्थ रखते हैं।
रिपोर्ट-सुबास लाल