आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बुधवार को आम आदमी पार्टी द्वारा प्रांत अध्यक्ष राजेश यादव की उपस्थिति में एवं जिलाध्यक्ष रविंद्र यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
प्रांत अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि योगी सरकार द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन करते हुए 16 जून, 2025 को एक शासनादेश निर्गत किया गया हैं। जिसमें कहा गया है कि जो कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालय हैं, उनको पास के बड़े विद्यालयों में मिला कर स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा। एक तरफ योगी सरकार मदिरालयों को खोलने का रिकॉर्ड बना रही है। 2024 में 27308 मदिरालय खोले जाने की सूचना आ रही है वहीं दूसरी तरफ योगीराज में अब तक 26000 से अधिक विद्यालय बंद हो चुके हैं और अब बच्चों के कम संख्या के बहाने 27000 और प्राथमिक विद्यालय बंद करने की योजना है अब आप ही बताइए की उत्तर प्रदेश को क्या चाहिए पाठशाला या फिर मधुशाला। जिस देश के लोग 5 किलो सरकारी राशन पर जीवित हों उनके बच्चों की शिक्षा का इंतज़ाम करने की बजाय उन्हें बंद करने की योजना बन रही है जो पूर्ण रूप से दलितों पिछड़ों वंचितों ग़रीबों को निरक्षर रखनें की मंशा से उठाया गया कदम है सरकार को दिल्ली माडल की तर्ज़ पर विद्यालयों को यूपी में विकसित करना चाहिए
जिलाध्यक्ष रविन्द्र यादव ने कहा कि योगी सरकार के मर्जर आदेश से शिक्षा के अधिकार अधिनियम व बाल अधिकार अधिनियम का उल्लंघन किया गया है। उक्त कानूनों के अनुसार ही गांवों में विद्यालय स्थापित किये गए थे। आरटीई एक्ट जो कि उत्तर प्रदेश में लागू है, उसके भाग 3 धारा 4 में स्पष्ट लिखा है कि एक किलोमीटर की सीमा में विद्यालय होना आवश्यक है। आम आदमी पार्टी योगी सरकार से मांग करती है कि सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस ले स अन्यथा आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से और सरकारी स्कूलों को बचाने के लिए प्रदेश व्यापी आंदोलन करने को मजबूर होगी। आजके कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर पाठक, कमलेश सिंह, इसरार अहमद, हरेंद्र यादव, शाहनवाज खान, रूपेश विश्वकर्मा, पीयूष यादव आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार