आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्वतंत्रता सेनानी बाबा-ए-कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी व 1965 के भारत पाक जंग के नायक परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की जयंती आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की ओर से जिलाध्यक्ष मोहम्मद अफजल इदरीसी के गुरुटोला स्थित कार्यालय पर मनाया गया। सभी लोगों ने इन दोनो महापुरूषों के चित्र पर पुष्पांजंलि अर्पित कर श्रद्धाजंलि अर्पित किया।
अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष, सभासद व ज़िला योजना समिति के सदस्य मोहम्मद अफजल इदरीसी ने कहा कि अब्दुल कय्यूम अंसारी आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके देश प्रेम और योगदान इतिहास के सुनहरे पन्नों में अंकित है। अब्दुल कय्यूम अंसारी ने 1942 में गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। 1947 में उन्होंने भारत के बंटवारे का जमकर विरोध किया। अफजल ने कय्यूम अंसारी व वीर अब्दुल हमीद के पदचिन्हों पर संकल्प लेने की बात कहते हुए शिक्षित होकर देश के विकास में अपना योगदान देने की अपील किया।
आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश सचिव परवेज अहमद राईन ने बताया कि अब्दुल कय्यूम ने 1953 ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लासेस कमीशन का गठन कराया जो एक बड़ा कदम था। उन्होंने हमेशा देश के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया। वह भारत की हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे।
इस अवसर पर निशीथ रंजन तिवारी, फखरे आलम बंटी इदरीसी, खालिद अंसारी, मुनव्वर इदरीसी, सदरे आलम इदरीसी, अकील इदरीसी, नफीस इदरीसी, पप्पू इदरीसी, सैफ अहमद इदरीसी, रजी आलम, शाहनवाज इदरीसी, अब्दुल जैद आलम इदरीसी, रेयाज अहमद इदरीसी, अरविंद चौरसिया, मनीष कृष्ण साहिल, रामजनम निषाद आदि उपस्थित थे। संचालन कवि, शायर एवं साहित्यकार नामी चिरैयाकोटी ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार