आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का तीसरा एवं अंतिम दिन का समापन बड़े धूमधाम से किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अर्चना गरोदिया पूर्व अध्यक्ष फिक्की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस उपमहानिरीक्षक सुनील कुमार सिंह तथा संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार ने किया।
मुख्य अतिथि पूर्व फिक्की अध्यक्ष ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में बुलंदियां चुम रही हैं साथ ही साथ उनके शब्दकोश से अबला शब्द अब हट चुका है अब वह पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रही हैं। अब अपने कठिन परिश्रम से हम पुरुषों का मार्गदर्शन भी कर रही है। महिलाएं अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर कार्य करना शुरू करती हैं अब न केवल भारत में अपितु विश्व पटल भी महिलाओं का लोहा मानने लगा है, विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह मंच तो बुद्धजीवियों का है आज महिलाएं बुलंदिया चूम रही है एवं हमारे पुलिस विभाग में भी महिला पुलिस ने अपनी कर्तव्य परायणता से तमाम क्षेत्र में अपराधों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है तथा वे पुरुषों में किसी मायने से कम नहीं है। उन्होंने अभी कहा कि हर पुरुष को केवल अपनी मां का एवं बहन का ही सम्मान नहीं करना चाहिए बल्कि समाज में प्रत्येक महिला बहन बेटी के समान होती है केवल उनको मौका देने की जरूरत है
अन्य विशिष्ट मेहमानों में डॉ सरिता चौधरी, डॉ सुषमा, डॉ कनिका, मुकेश सिंह, प्रोफेसर अनिल कुमार, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू एवं इंडोनेशिया विश्वविद्यालय एवं विदेशी धरती पोखरा नेपाल से पधारे तमाम नामचीन विभूतियां एवं शिक्षाविदो ने अपने उद्बोधन में आजमगढ़ के अनुभव को सराहा उन्होंने कहा कि निश्चय ही यह आजमगढ़ हमारा पहला ही प्रवास था परंतु हम यहां की मेहमान नवाजी से गदगद हैं। कार्यक्रम में कृतिका श्रीवास्तव, मारुति नंदन तिवारी, डॉक्टर उदय पाल, डॉ निधि पांडे, डॉक्टर अंकुर चौबे, डॉक्टर शिवेंद्र सिंह सहित भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थिति रही।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार