पटवध आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जनपद के जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ विनय सिंह यादव ने बताया कि इस मौसम परिवर्तन के समय प्रसूता और नवजात बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी परिजनों पर बढ़ जाती है क्योंकि नवजात बच्चों का टेंपरेचर जन्म लेने के बाद कुछ अलग हो जाता है जिसको मेंटेन करने के लिए नवजात बच्चे को मां के गोद में ही रखें इससे नवजात बच्चे मां के गोद में रहकर स्तनपान करना सीखेगा और उसके बाड़ी का टेंपरेचर भी बरकरार रहेगा 6 महीने तक नवजात बच्चों को मां के दूध के अलावा कुछ भी ना दे। कोई सिरप, ड्रॉप या ऊपरी दूध कदापि ना दे। 6 महीने के बाद नवजात बच्चे को पौष्टिक आहार में दलिया थोड़ा सा दें प्रसूता को चाहिए कि कोई ऐसा भोजन न करें जो बच्चे के लिए हानिकारक हो। ऐसे देखभाल करने से बच्चे हमेशा स्वस्थ रहेंगे उनके ऊपर किसी भी प्रकार का घरेलू उपचार न करें कोई भी सुविधा होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
रिपोर्ट-बबलू राय