आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मण्डलायुक्त विवेक ने 76वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर रविवार को अपने कार्यालय भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा तिरंगे का अभिवादन एवं सामूहिक राष्ट्रगान किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राष्ट्र की एकता, अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने, देश को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न धर्म निरपेक्ष लोकतन्त्रात्मक गणराज्य बनाने तथा अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्रदान करने का संकल्प दिलाने के साथ ही पुलिस परेड की सलामी ली।
मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बाधित करते हुए मण्डलायुक्त विवेक ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व गणतन्त्र दिवस संविधान में मिले मूल्यों पर विचार करने तथा उन मूल्यों को आत्मसात करने का दिन है। उन्होंने कहा कि संविधान लागू होने पर सभी देशवासियों को समानता, अभिव्यक्ति आदि के मूलभूत अधिकार मिले हैं, परन्तु यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि संविधान में मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए दूसरे के अधिकारों का किसी प्रकार से अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन के दौरान संविधान दिवस, गणतन्त्र दिवस एवं स्वतन्त्रता दिवस के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए गणतन्त्र और लोकतन्त्र के अन्तर को बताया। श्री विवेक ने कहा कि यद्यपि संविधान की स्वीकृति 26 नवम्बर 1949 को मिल चुकी थी, परन्तु 26 जनवरी की महत्ता के दृष्टिगत इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि हमें जाति, धर्म, सम्प्रदाय आदि से ऊपर उठकर संविधान में देश और समाज के प्रति निर्धारित कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए भी जागरुक और तत्पर रहना जरूरी है। कार्यक्रम में स्थानीय राजकीय बालिका इण्टर कालेज की छात्राओं द्वारा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान एवं देश भक्ति पर आधारित गीतों की सराहनीय प्रस्तुति की गयी। कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्त सूचना अधिकारी रियाज़ आलम ने किया।
रिपोर्ट-सुुबास लाल