आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वैसे तो दिसंबर माह शुरू होने के साथ ही ठंड का अहसास शुरू हो गया था, लेकिन शनिवार को सुबह से शुरू बूंदाबादी ने ठंड में इजाफा कर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव से अब तक दूर रहने वालों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। मौसम में अचानक बदलाव से गर्म कपड़ों की बिक्री भी बढ़ गई। सबकी जरूरत को ध्यान में रख सड़कों के किनारे में गरीबों की दुकान सज गई है। दिनभर आसमान में धुंधलका छाया रहा।
बाइक से सफर करने वालों ने पूरी तैयारी से घर छोड़ा और अब तक बिना टोपी और मफलर के आवागमन करने वालों ने सिर ढककर आवागमन किया। शनिवार की सुबह कोहरे के कारण आवागमन में यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद कुछ देर बाद ही मौमस का मिजाज और बिगड़ गया। आसमान में बादल छा गए। इसके चलते भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए। सुबह से शुरू हुई बूंदाबादी से ठिठुरन बढ़ गई। ठंड व गलन बढ़ने से लोग पूरे दिन ऊनी कपड़ों में अपने को समेट कर रखे। शाम होते ही शहर की सड़कें सूनी हो गईं। शनिवार को अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की गति 3 से 13 किमी प्रति घंटा रही, जबकि आर्द्रता औसत 77 फीसद रिकार्ड किया गया। सबसे अधिक दिक्कत श्रमिक वर्ग को हुई। उन्हें काम का अभाव हो गया है।
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सभी फसलों के लिए फायदेमंद होगी हल्की बारिश
फूलपुर (आजमगढ़)। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मौसम ने करवट ली और कई इलाकों में हल्की बारिश हुई। बारिश के कारण सर्दी में मामूली बढ़ोतरी हुई, तो किसानों को इससे फायदा हुआ। रबी फसलों, जैसे गेहूं, जौ, सरसों और चने की खेती के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित हुई। बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ गई, जो लगभग सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। हल्की बारिश ने खेतों में नमी बढ़ाई है, जिससे सिंचाई पर निर्भरता कम होगी। गेहूं और सरसों जैसी फसलों को पर्याप्त पानी और पोषण मिला है। खाद और दवाओं का बेहतर असर बारिश के कारण फसलों पर बेहतर तरीके से हुआ है। वहीं कुछ क्षेत्रों में अधिक नमी के कारण फसल में रोग लगने की भी संभावना है। मौसम में बदलाव के कारण किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।
रिपोर्ट-सुबास लाल/मुन्ना पाण्डेय