नन्हे सपनों पर ताले, शिक्षा के मंदिर में बेपरवाही की दस्तक

शेयर करे

महराजगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। देश जहां नई पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिशों में लगा है, वहीं ज़मीनी हकीकत किसी और ही कहानी की तस्वीर पेश करती है। प्राथमिक विद्यालय, सेमरी शिक्षा क्षेत्र महाराजगंज में शिक्षा की दुर्दशा ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
क्षेत्रीय पत्रकारों की टीम ने जब इस विद्यालय का दौरा किया, तो दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर विद्यालय के दरवाजे बंद मिले। जबकि प्राथमिक विद्यालयों के खुलने का समय 9 बजे से सायं तीन बजे तक का है। ग्राम प्रधान दशरथ निषाद ने बताया कि विद्यालय में तीन शिक्षक नियुक्त हैं, प्रधानाध्यापक हरिकेश यादव, सहायक अध्यापक निखिल मद्धेशिया, और शिक्षिका सुनीता। आरोप है कि शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं आते और अक्सर समय से पहले चले जाते हैं। इस संबंध में प्रधानाध्यापक हरिकेश यादव ने कहा कि विद्यालय पंचायत भवन से संचालित होता है। हालांकि, टीम ने पंचायत भवन का भी दौरा किया और पाया कि वहां भी ताले लटके हुए थे। प्रधानाध्यापक ने अपनी सफाई में शिक्षकों पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। ग्राम प्रधान के अनुसार, शिक्षकों की गैरहाजिरी में पढ़ाई का जिम्मा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों पर डाल दिया जाता है। शिक्षिका सुनीता ने बताया कि वह अपने बीमार बच्चे की देखभाल कर रही है और उन्हें छुट्टी की स्वीकृति नहीं दी गई। महिला शिक्षकों को विद्यालय तक पहुंचने में सुविधाओं की कमी भी प्रमुख समस्या है। बच्चों और उनके अभिभावकों से बात की, तो सभी ने शिक्षकों की अनुपस्थिति और लापरवाही पर सवाल उठाए। बच्चों ने स्वीकारा कि उन्हें कुछ भी सिखाया नहीं जा रहा है, जिससे उनके भविष्य पर गहरा असर पड़ रहा है। ग्राम प्रधान ने यह भी बताया कि यह विद्यालय घाघरा नदी पार बेलघाट के नजदीक स्थित है, जहां तक पहुंचने में मुश्किलें आती हैं। लेकिन इन सबके बावजूद, न तो अधिकारी जांच के लिए आते हैं और न ही कोई ठोस कार्रवाई होती है। अगर यही स्थिति रही तो इन नन्हे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। अगर समय रहते इस विद्यालय की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए हानिकारक साबित होगा।
रिपोर्ट-राजनरायन मिश्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *