आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों का जख्म भरने की पहल की गई है। नई योजना के अंतर्गत 13 नवंबर को साधन सहकारी समितियो पर डीएपी उपलब्ध कराने हेतु प्राइवेट उर्वरक कंपनियों के माध्यम से प्राप्त उर्वरक की रैक से 30 प्रतिशत उर्वरक की मात्रा को साधन सहकारी समितियो के लिए आवंटित करने हेतु निर्देशित किया गया, तो वहीं 24 नवंबर को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है।
अब निजी क्षेत्र की प्राइवेट उर्वरक कंपनियों के माध्यम से प्राप्त डीएपी की रैक से 50 प्रतिशत डीएपी साधन सहकारी समितियो के लिए आवंटित की जाएगी। योजना के अंतर्गत यूपी पीसीएफ एडवांस में संबंधित कंपनी के बैंक खाते में संपूर्ण धनराशि को जमा करेंगे तब कंपनी यूपी पीसीएफ को उर्वरक उपलब्ध कराते हुए साधन सहकारी समितियो पर उर्वरक उपलब्ध कराएंगे। इसी क्रम में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी की डीएपी की 829 मैट्रिक टन की एक रैक 24 नवंबर को भेजी गई। इसमें से 318 मैट्रिक टन डीएपी साधन सहकारी समितियों को सीधे भेजी जाएगी। वहीं 511 टन डीएपी निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को उपलब्ध कराई जाएगी। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि रैक प्वाइंट से सीधे साधन सहकारी समितियों एवं निजी फुटकर बिक्री केंद्रों पर डीएपी खाद भेजी जाए। डीएम ने सहकारिता एवं कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया कि यदि कहीं भी किसी भी उर्वरक की बिक्री प्रतिष्ठान पर भीड़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो टोकन सिस्टम के माध्यम से उर्वरक नियमानुसार वितरण सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि निर्धारित दर पर प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से ही बिक्री होनी चाहिए। डीएपी का निर्धारित दर है 1350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बोरी तथा यूरिया का निर्धारित दर है 266.50 रुपये प्रति 45 किलोग्राम बोरी है।
भारत सरकार द्वारा खाद खरीदने के लिए आधार कार्ड एवं खतौनी अनिवार्य किया गया है। किसान अपनी खतौनी में दर्ज खेत/जमीन की आवश्यकता के अनुसार ही खरीदें। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने आश्वासन दिया कि जनपद में खाद की सप्लाई जारी रहेगी, किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने पाएगी। किसान किसी भी प्रतिष्ठान पर भीड़ न लगाएं और न ही कानून व्यवस्था को हाथ में लंे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार