नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगा सूर्योपासना का महापर्व

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नहाय-खाय यानी लौकी-भात के सेवन के साथ बिहार का महापर्व सूर्य षष्ठी व्रत (डाला छठ) मंगलवार से शुरू हो जाएगा। सूर्योपासना के पर्व को लेकर अभी से आस्थावानों में ऊर्जा का संचार दिखने लगा है। व्रत करने वाली महिलाओं का उत्साह तो पूछना ही नहीं है। पहले दिन यानी चतुर्थी को भोजन में लौकी का विशेष प्रयोग होने के कारण एक दिन पहले से ही लौकी का भाव आसमान छूने लगा। रोज के दिनों में बीस रुपये किलो बिकने वाली लौकी सोमवार को फुटकर बाजार में अस्सी रुपये तक पहुंच गई थी। हालांकि, थोक दुकानों पर कुछ कम रहा।
छठ के व्रत में शुद्धता का खास महत्व है और इसमें वाह्यं के साथ ही अन्तः को भी शुद्ध रखने की मान्यता है। इसे ध्यान में रखते हुए व्रत करने वाली महिलाएं चौथ के दिन से ही सुपाच्य भोजन ग्रहण करती हैं। इस क्रम में मंगलवार को व्रती महिलाएं भोजन में लौकी मिश्रित चने की दाल के साथ चावल ग्रहण करेंगी और भोजन में सेंधा नमक का उपयोग किया जाएगा।
चौथ को हल्का भोजन लेने के दूसरे दिन बुधवार यानी पंचमी को दिन भर महिलाएं निराजल व्रत रहेंगी और शाम को एक बार भोजन ग्रहण करेंगी। इस दिन को आम तौर पर ज्ञान पंचमी तथा बिहार में बोलचाल की भाषा में खरना कहा जाता है। शाम को गाय के दूध में गुड़ व साठी के चावल का खीर और शुद्ध आटे की पूड़ी बनाई जाएगी तथा उसे व्रती महिलाएं एक बार ग्रहण करेंगी। उसमें भी पुरानी परंपरा यह है कि भोजन के दौरान अगर किसी ने पुकार दिया अथवा उसमें कंकड़ आदि निकल गया तो उसके साथ ही भोजन छोड़ दिया जाता है। भले ही हलक के नीचे पहला निवाला ही क्यों न गया हो।
दूसरी ओर छठ पूजा के लिए घाटों पर बेदी बनाने का काम तेज हो गया है। इसमें युवा और बच्चे जी-जान से जुट गए है। स्थानीय पूजा कमेटियों द्वारा इसके लिए कुछ शुल्क भी लिया जा रहा है। पूजा कमेटी के सदस्यों के मुताबिक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वे अपने स्तर से प्रकाश आदि की सारी व्यवस्था करते हैं।
वहीं पूजन सामग्री की खरीदारी शुरू हो गई है। वैसे अभी सभी फल बाजार में नहीं आए हैं। फलों के दाम में भी वृद्धि का अनुमान है। चौक पर फल की दुकान करने वाले केदार सोनकर ने बताया कि वैसे तो अभी सभी फल बाजार में नहीं आए हैं लेकिन दाम में कोई खास अंतर आने की उम्मीद नहीं है। शहर के सिधारी, कदम घाट, गौरीशंकर घाट, दलाल घाट, भोला घाट, बलुअहा घाट, मोहटी, राजघाट, नरौली घाट, शाहीपुल घाट आदि घाटों पर बेदी बनाने का काम शुरू हो गया है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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