कर्मचारी की मौत पर सियासत, एमएलसी भी पहुंचे उसके घर

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रानी की सराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वाह रे किस्मत और वाह रे जमाना। एक गरीब की मौत के बाद सहायता के रूप में मिल रहा सियासत का खजाना। कुछ ऐसी ही तस्वीर दिख रही गंधुवई गांव में, जहां का सचिन सरायमीर क्षेत्र में कपड़े की दुकान पर काम करता था और एक दिन संदिग्ध परिस्थितियों में अपने ही कमरे के जंगले से लटकते पाया गया। अभी चार दिन पहले उसके घर पहुंचकर किसान नेताओं ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी, तो उसके बाद पहुंचे भाजपा कोटे के एमएलसी रामसूरत राजभर ने संवेदना के साथ सियासी भाषा का भी इस्तेमाल कर डाला।
एमएलसी से परिजनों ने कहा कि आत्महत्या नहीं, बल्कि इसकी हत्या की गई है। विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने आर्थिक मदद भी की। पीड़ित परिवार को लाभ दिलाने के लिए समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल को निर्देशित कर जल्द से जल्द सरकार द्वारा दी जाने वाली लाभकारी योजनाओं का लाभ पीड़ित परिवार को देने का निर्देश दिया। परिवार और गांव के लोगों ने भी पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठाया, तो उन्होंने प्रमुख सचिव को टेलीफोन से बात करके पुलिस के प्रति नाराजगी जताई। इस पर प्रमुख सचिव ने जांच को आइजी जोन वाराणसी से कराने का आश्वासन दिया। राजभर ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। फिर रहा नहीं गया तो सपा पर हमला बोला। कहा कि समाजवादी पार्टी समाज हित के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ अपने परिवार के लिए सोचती है। गरीब यादव के घर समाजवादी पार्टी के लोग नहीं जाते हैं, अपराधियों के घर ही जाते हैं। मंगेश यादव अपराधी था, तो उसके लिए अखिलेश यादव लगातार खड़े नजर आए। आजमगढ़ के लोगों ने अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाया लेकिन वह सिर्फ चुनाव जीतने के लिए आजमगढ़ आते हैं। उनके भाई धर्मेंद्र यादव मृतक सचिन यादव के घर अभी तक शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए नहीं आए, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। शिवपाल यादव कुछ दिन पूर्व आजमगढ़ में आए थे लेकिन वह भी सचिन यादव के परिवार का हाल-चाल लेने नहीं पहुंचे। इस मौके पर सौरभ उपाध्याय, मनोज यादव, शैलेंद्र यादव, शेर बहादुर सिंह, रामसागर आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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