दीदारगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शरद पूर्णिमा पर मेला तो कई स्थानों पर लगा, लेकिन पुष्पनगर के मेले में रिश्तों के फूल भी खिलते नजर आए और उसकी सुगंध भी महसूस की गई। मित्रों और रिश्तेदारों का आमना-सामना हुआ, तो अभिवादन के साथ सबसे पहले एक-दूसरे का हालचाल जाना। उसके बाद राम-रावण युद्ध का मंचन आंखों में कैद करने की होड़ सी मच गई। रावण वध के बाद सभी मेले का आनंद लिया। इस दौरान बच्चों और महिलाओं में मेले को लेकर ज्यादा उत्साह दिखा।
लंबे इंतजार के बाद पुष्पनगर का मेला अपने पुराने स्थान पर लगा। मेले में बड़ा झूला, छोटा झूला, ड्रैगन ट्रेन, चरखी, ब्रेक डांस, कार्टून झूला आदि का छोटे बच्चों तथा महिलाओं ने आनंद उठाया, तो वहीं चाट, चाऊमीन, बर्गर तथा पानी पूरी का स्वाद चखा। मिठाई, फल आदि की दुकानें भी गुलजार रहीं। निजामाबाद की तर्ज पर बने मिट्टी के बर्तन व खिलौने भी लोगों को आकर्षित कर रहे थे। मेले की खास चोटहिया जलेबी लेना कोई नहीं भूल रहा था। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से केले की बिक्री की जा रही थी। लौटते समय महिलाओं ने घरेलू उपयोग के सामानों की खरीदारी की, तो अभिभावक बुलंदशहर की मशहूर खजले की दुकान पर जुटे थे।
रामलीला समिति के अध्यक्ष पवन मिश्र के नेतृत्व में कलाकारों ने राम- रावण युद्ध का मंचन किया। सुरक्षा के मद्देनजर थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस भ्रमण करती रही। मेला समिति के अध्यक्ष अजय सिंह भी पूरी व्यवस्था पर नजर रख रहे थे।
रिपोर्ट-पृथ्वीराज सिंह