आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जहां कर रहे निवास उस धरा को वंदन, जहां की मिट्टी में जन्म लिया वही मेरे लिए है माथे का चंदन। बात जब आजमगढ़ के सृजन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम का हो, तो उत्साह का उफान स्वाभाविक हो जाता है और इसी तरह का भाव दिखा आजमगढ़ महोत्सव के पहले दिन के प्रथम सत्र में हरिऔध कलाकेंद्र के सभागार में।
हुनरमंद और वक्ता तो पहुंचे ही थे, साथ में जिसे भी आयोजन की जानकारी थी वह सारा काम छोड़कर कुर्सी पर हाजिर हो गया था। पहले सत्र में विद्यार्थियों ने रंगोली में अपने हुनर का रंग भरा तो वहीं संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण पर भी सारगर्भित चर्चा हुई। यानी पहले दिन का पहला सत्र महिलाओं के नाम रहा।
रंगोली प्रतियोगिता में 24 प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिसमें एकल व 4 समूह के लगभग 100 लोगों द्वारा 20 रंगोली बनाई गई। इसमें जनपद के विभिन्न विद्यालयों यथा राजकीय कन्या विद्यालय, डूडा, स्वयं सहायता समूह, महादेवी विद्यालय, सर्वाेदय विद्यालय के बच्चों ने प्रतिभाग लिया। निर्णायक मंडल में आयोजन समिति द्वारा नियुक्त कोऑर्डिनेटर न्यू कला केंद्र समिति की विभा गोयल, भविष्य दीप कला केंद्र के शरद गुप्ता, कृष्ण मोहन मोदनवाल, साक्षी पांडेय, अभिषेक कुमार ने तीन-तीन विजेताओं एकल व समूह के नाम की घोषणा करेंगे, जिसकी सूचना हरिऔध कला केंद्र में जारी की जाएगी।
रंगोली के बाद महिला सशक्तिकरण पर आयोजित संगोष्ठी में वर्तमान परिवेश में महिलाओं की सामाजिक भागीदारी पर चर्चा की गई। आयोजक वक्ता डाक्टर प्रवेश कुमार सिंह, डाक्टर पंकज सिंह, विजेंद्र श्रीवास्तव सदाबृक्ष पांडेय रहे। सभी ने एक स्वर से कहा कि भारत कृषि प्रधान देश के साथ नारी सशक्तिकरण की बात करने वाला देश भी है। यहां की नारियों की चर्चा की जाएगी, तो एक से बढ़कर एक नाम सामने आएंगे।
रिपोर्ट-सुबास लाल