आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरयू नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से देवारा क्षेत्र के ग्रामीण बेहाल दिखने लगे हैं। एक बार फिर नौवीं बार 14 सितंबर से नदी की लहरें उफान मारने लगी हैं। 69 दिनों में 13 दिन जलस्तर 72 मीटर के पार रहा, तो 20 दिन खतरा निशान से लहरें पार रहीं।
इस साल तीसरी बार जलस्तर 72 मीटर के पार पहुंचा, तो 20 दिन खतरा निशान के पार रिकार्ड किया गया। इसमें 13 दिन 72 मीटर तो बाकी दिन उससे कम रहा। अब तक के जलस्तर पर गौर करें तो जलस्तर में वृद्धि का संकेत आठ जुलाई से ही मिलना शुरू हो गया था। 11 जुलाई से 13 जुलाई तक, फिर 22 जुलाई को और अगस्त महीने में 10 से 16 तक नदी की लहरें खतरा निशान से ऊपर रहीं। 17 से नीचे जना शुरू हुआ, तो 21 अगस्त से फिर उफान शुरू हो गया। 22 को खतरा निशान पार उठीं लहरें 29 अगस्त तक बनी रहीं।
बाढ़ की दस्तक तो 10 जुलाई को ही जब नदी खतरा निशान 71.68 मीटर से मात्र दो सेमी नीचे 71.66 मीटर पर पहुंच गई थी। दूसरे दिन 71.95 तो तीसरे दिन 12 जुलाई को 72.03 मीटर पर पहुंचने पर कटान शुरू हो गई। 14 से 21 जुलाई तक जलस्तर खतरा निशान से नीचे रहा तो 22 जुलाई को पार कर गया। 23 जुलाई से 9 अगस्त तक पानी कम होने से थोड़ी राहत मिली, लेकिन 10 से 16 अगस्त तक पानी खतरा निशान से ऊपर रहा। 17 से 21 अगस्त कम, तो 22 अगस्त से फिर उफान शुरू हो गया। 26 अगस्त को अब तक के सबसे ज्यादा 72.66 मीटर यानी खतरा निशान से 98 सेमी ऊपर रिकार्ड किया गया। 29 अगस्त तक नदी खतरा निशान से ऊपर बहती रही। बीच में पानी खतरा निशान से नीचे जाना शुरू हो गया, लेकिन पांच सितंबर से सात सितंबर तक फिर पानी बढ़ने लगा, लेकिन खतरा निशान से नीचे ही रहा। आठ सितंबर से पानी कम होना शुरू हुआ, तो 13 तक यही क्रम बना रहा। 14 सितंबर से फिर वृद्धि शुरू हुई, तो 15 सितंबर को खतरा निशान पार कर 71.99 मीटर पर जलस्तर पहुंच गया। यानी नदी का जलस्तर अब तक 20 दिन खतरा निशान के पार रिकार्ड किया जा चुका है। पहली बार 12 जुलाई को 72 मीटर पार जलस्तर रहा, लेकिन उसके बाद उससे कम हो गया। उसके बाद 10 अगस्त को नदी 72 मीटर पार पहुंची, तो यह क्रम 15 सितंबर तक रहा। फिर 23 अगस्त को नदी 72 मीटर के पार पहुंची, तो यह क्रम 28 अगस्त तक बना रहा। एक बार फिर 15 सितबर को नदी का जलस्तर खतरा निशान से 31 सेमी ऊपर पहुंच गया।
रिपोर्ट-सुबास लाल