आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरयू नदी की लहरे लगातार लौटने लगी है। सातवें दिन सोमवार को जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 55 सेमी नीचे 71.13 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि रविवार को 71.20 मीटर था। इस बीच निचले हिस्सों में जलजमाव के कारण दुर्गंध उठने लगी है तो मच्छरों का डंक भी जहरीला महसूस होने लगा है। बीमारियां बढ़ने की आशंका से जहां लोग परेशान हैं, तो वहीं राहत की उम्मीद भी बढ़ने लगी है। खास बात यह कि सोमवार को भी गिरजा, शारदा और सरयू बैराज से पानी छोड़े जाने की खबर नहीं है। इससे बाढ़ का संकट समाप्त होने के आसार भी बढ़ने लगे है।
पानी कम होने के साथ देवारा खास राजा ग्राम सभा के झगरहवा, बगहवा और बासू का पुरा में कटान जारी रहा, लेकिन उसकी गति काफी मंद होने से आसपास के लोगों के चेहरे पर कुछ राहत के भाव दिखे। ग्रामीणों के अनुमान के मुताबिक इस वर्ष नदी की धारा में काफी जमीन समाहित हुई है।
दूसरी ओर खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बरकरार है। जिनका खेत ग्रामीण महुला-गढ़वल बंधे के दक्षिण में भी है वह लोग पांच-छह किलोमीटर की दूरी तय करके पशुओं के लिए हरा चारा लेकर घर जा रहे हैं। इस बीच 56वें दिन बैराजों से पानी छोड़े जाने की खबर नहीं मिली थी। फिर भी जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
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चार दिनों में 1207 लोगों के हाथों में पहुंची राहत सामग्री
आजमगढ़। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में आई बाढ़ से प्रशासन की डायरी में 18 गांवों के लोग प्रभावित हुए है। चार दिनों से ऐसे लोगों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है। सोमवार को 170 लोगों को राहत किट दिया जा चुका है। इस प्रकार चार दिनों में अब तक 1207 लोगों के हाथों में राहत सामग्री पहुंच चुकी है। तहसीलदार विवेकानंद दुबे ने बताया कि रामनगर कुकरौछी स्थित श्री गंगा गौरी महाविद्यालय परिसर में राशन किट के लिए राशन और आधार कार्ड के साथ पीड़ितों को आने के लिए कहा गया है। वितरण का कार्य आगे भी जारी रहेगा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार