कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप

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मेंहनगर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के मालपार गांव में कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध अतिक्रमण को लेकर ग्रामीण तहसील परिसर में प्रदर्शन कर लेखपाल मुर्दाबाद के नारों के बीच धरने पर बैठ गये। तहसीलदार को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर भूमि को कब्जामुक्त कराने की मांग की। तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक व पुलिस को मौके पर यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया।
तहसीलदार चमन सिंह को दिये गये शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि गांव स्थित नहर के किनारे सड़क से सटे आराजी नम्बर 713 बंजर की भूमि पर मुद्दत से अनुसूचित जाति (चमार) शव दफन करते चले आ रहे हैं। उक्त भूमि पर गांव के ही हंसराज ने अपनी पत्नी शनिचरी के नाम असंक्रमणीय खाते में दर्ज करा लिया। मृतक शनिचरी के वारिसान जयप्रकाश व धर्मेंद्र पुत्रगण हंसराज लेखपाल की सह पर उक्त आराजी के कुछ अंश पर ट्रैक्टर से जोतवा अरहर की बुआई कर कब्जा लिये। शुक्रवार को कब्रिस्तान की तरफ जैसे ही ट्रैक्टर लेकर जुताई के फिराक में थे कि ग्रामीण कब्रिस्तान की तरफ दौड़े तो ट्रैक्टर लेकर भाग गए। तीन दिन पूर्व जोताई के दौरान कई कब्रे उखड़ गई। छोटी-छोटी हड्डियां तितर बितर हो गई। सम्पूर्ण विबाद के जड़ क्षेत्रीय लेखपाल व राजस्व निरीक्षक हैं। लेखपाल बराबर फर्जी रिपोर्ट देकर तहसील प्रशासन को गुमराह कर रहे है जिसके बाबत तहसीलदार चमन सिंह को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कहा कि अतिक्रमणकारियों की चंगुल से अवैध कब्जे से रोका नहीं गया तो गांव में तनाव उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा हम हरिजनों को शव दफन करने के लिए कहीं भूमि नही है। न्याहित में अविलम्ब रोका जाना न्याय संगत है। इसे गम्भीरता से लेते हुए तहसीलदार श्री सिंह ने राजस्व निरीक्षक रमाशंकर यादव व पुलिस बल को निर्देशित किया कि मौके की यथास्थिति बनाए रखें। साथ ही शिकायतकर्ताओं से कहा कि कैंसिलेसन दाखिल करें, जैसे ही खारिज हो जाएगा, प्रस्ताव कराकर कब्रिस्तान के खाते में दर्ज हो जायेगा। इस दौरान दूधनाथ, सूरज, उमेश राम, अनिल, राजू, चौथी, विमला, माया, दुर्गवाती, अवधराज, सूबेदार, रामजग, संकठा आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-धीरज तिवारी

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