आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में बहने वाली सरयू (घाघरा) नदी की लहरें चौथी बार तेजी से लौटने लगी हैं। 24 घंटे के अंदर 13 सेमी की कमी रिकार्ड की गई और दो स्थानों पर होने वाली कटान भी थम गई है, लेकिन इससे देवारा क्षेत्र के ग्रामीणों की बेचैनी कम नहीं हो रही है। कारण कि आमतौर पर जलस्तर में कमी के साथ कटान की गति बढ़ जाती है।
देवारा क्षेत्र के अभ्भनपट्टी, मानिकपुर, सोनौरा, जमुआरी सहित आधा दर्जन गांवों के रास्तों से पानी पूरी तरह से हट गया है, लेकिन तेज धूप न होने के कारण अभी भी फिसलन होने से आवागमन में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच झगरहवा और बगहवा में कटान लगभग थम जाने से आसपास के लोगों ने राहत भी महसूस की है।
जलस्तर में चौथी बार दो अगस्त से शुरू वृद्धि दो दिनों बाद ही रविवार से कम होने लगी। इस बीच अठाइसवें दिन भी छोड़े गए 1,91,008 क्यूसेक पानी से अभी भी बाढ़ और कटान का खतरा बना हुआ है। मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाला के पास जलस्तर खतरा निशान 71.68 मीटर से 57 सेंटीमीटर नीचे 71.11 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि रविवार को यहां का जलस्तर 71.24 मीटर रिकार्ड किया गया था। आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम सोमवार को भी बना रहा। बीच में 25 जुलाई को पानी नहीं छोड़ा गया था। इस प्रकार अब तक 78,66,493 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच लगातार पानी छोड़े जाने से ग्रामीणों की चिंता बनी हुई है।
फिलहाल प्रशासन ने भी जलस्तर में कमी से राहत महसूस कर रहा है, लेकिनि तीन महीने उतार-चढ़ाव के कारण अभी भी अलर्ट दिख रहा है। बचाव व राहत कार्य के लिए 10 बाढ़ चौकियों की स्थापना के साथ 14 स्थानों को राहत शिविर के लिए चयनित किया जा चुका है। बाढ़ खंड विभाग के साथ तहसील प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।
रिपोर्ट-सुबास लाल