आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शहर के शारदा टाकीज के प्रांगण में गुरुवार की शाम भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ और सूत्रधार संस्थान आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 25 दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला के समापन अवसर पर अभिषेक पंडित कृत नाटक एक से भले दो का शानदार मंचन सम्पन्न किया गया। कलाकारों का अभिनय देख दर्शक विभोर हो गए। नाटक मेंएक नेवला (विरादित्य मौर्य) मकई खाकर मोटा हो जाता है और बढ़ई (कृष्णा यादव) के पास खुद को छिलवाने के लिए जाता है। बढ़ई के मना करने पर वह राजा ( श्रेयांश यादव) के पास जाता है। इस तरह नेवला क्रमशः रानी ( आशनी यादव), सांप (हर्ष मौर्या), बांस (ओम श्री), आग (अनुज यादव), पानी (राघवी पांडेय) के पास जाता हैं। सभी उसकी सनकी मांग को खारिज कर देते हैं। तब हाथी उसकी मदद को तैयार हो जाता है, क्योंकि वह भी अपने मोटापे से परेशान था। उसके बाद सारे पात्र डर सहम जाते हैं। अंत में राजा बढ़ई को बुलाता है और डांटता है। तब बढ़ई कहता है कि नेवले को सबक सिखाने के लिए उसे मना किया। नेवला और हाथी शर्मिंदा होते हैं। इस प्रकार इस नाटक का सुखद अंत होता है। नाटककार ने इस कथा में बनिए (समीर) के चरित्र को जोड़कर पूरी कहानी को नया कलेवर दिया। उपयोग से अधिक उपभोग न करने का संदेश दर्शकों को बहुत पसंद आया। इसके अतिरिक्त सूत्रधार की भूमिका में (आदित्य अभिषेक), सिपाही की भूमिका में हर्ष सिंह व अर्श ने अभिनय से दर्शकों को मोहा। नाटक का सबसे मजबूत पक्ष उसका संगीत रहा। सूरज मिश्रा, चंदन और राज ने इसकी जिम्मेदारी निभाई। प्रकाश परिकल्पना रंजीत कुमार और संदीप का रहा। मंच विन्यास सुग्रीव विश्वकर्मा ने किया। कॉस्टियुम आंचल तिवारी, मेकअप अर्जुन ने किया। नाटक का निर्देशन ममता पंडित ने किया, जबकि सहायक निर्देशक अंगद निषाद थे। अंत में बच्चों को मुख्य अतिथि फौजदार सिंह, प्रभु नारायण पाण्डेय ’प्रेमी’, जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष आशुतोष दिवेदी ने प्रमाण पत्र वितरित किया। इसी दौरान संत कबीर नगर से आईं चित्रकार सुष्मिता सिंह ’बक्की’ के चित्रों की प्रदर्शनी ” बियाह शीर्षक से प्रदर्शित की गई।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार