आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रथम समाजवादी विचारक युवा तुर्क नेता देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का समूचा जीवन संघर्षों से भरा रहा जो आज के परिवेश में अत्यंत प्रासंगिक और हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है। अन्याय के विरुद्ध वे हमेशा चट्टान की तरह अडिग रहते थे। उक्त बातें विधान परिषद सदस्य विक्रांत सिंह रिशू ने कही। वे सोमवार को ट्रस्ट परिसर में आयोजित देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की 17वीं पुणयतिथि पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में बिना विचलित हुए अन्याय के प्रति चट्टान की तरह खड़े होकर संघर्ष करने वाले वह इकलौते नेता थे। उन्होंने जीवन में पद के लिए कभी कार्य नहीं किया। देश में आपातकालीन स्थिति के दौरान जब कोई भी नेता आवाज उठाने की हिमाकत नहीं कर रहा था तो चंद्रशेखर जी ने चट्टान की तरह कांग्रेसी हुकूमत से टकराकर उन्हें बैकफुट पर जानने के लिए विवश कर दिया तभी से उन्हें युवा तुर्क नेता के रूप में भी जाना जाने लगा।
एमएलसी यशवंत सिंह के प्रतिनिधि उदयशंकर चौरसिया ने आगतजनो के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर रानीपुर के पूर्व प्रमुख अरुण सिंह, अरविंद सिंह, सुनील सिंह बल्लू, प्रमुख रमेश कन्नौजिया, शमशेर सिंह, बृजेश कांदू, लाल बहादुर सिंह लालू, अशोक पाण्डेय, धमेंद्र सिंह उर्फ झब्लु सिंह, विजय बहादुर सिंह, बंगाली यादव, भक्कू सिंह, अजय सिंह, बृजेश कांदू आदि ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। अध्यक्षता ट्रस्ट प्रबंधक बृजेश कांदू तथा संचालन शिक्षक नेता कमलेश राय ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार