फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बाबा परमहंस जी मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के दूसरे दिन सोमवार को व्यास पीठ से प्रभु दयाल जी ने भाव पूर्ण प्रसंग सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन बड़े भाग्य से मिलता है। सत्कर्म व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर आनंदित करता है। पंच तत्व से बना ये शरीर की चमड़ी रूपी काया शरीर की माया रूपी सुन्दरता प्रदान करता है। चमड़ी के हटने से सारी काया दुर्गन्ध से भर जाती है। भागवत कथा श्रवण मात्र से मानव, जीव जन्तु, भूत प्रेत सभी धन्य हो जाते है।
प्रभु दयाल जी ने कहा कि सनकादिक मुनि से श्रीमद् भागवत जी की महिमा सुनकर नारद जी अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने मुनि जी से कहां मैं श्रीमद् भागवत जी का ज्ञान यज्ञ अवश्य करूंगा और आप मुझे यह स्पष्ट कर दीजिए कि श्रीमद् भागवत कथा को किस समय किस स्थान पर करना उचित होगा। नारद जी ने श्रीमद् भागवत कथा हरिद्वार में आनंद नामक घाट पर कराया। इसमें सभी देवी देवता पशु पक्षी सभी जीव जंतु जुटे और कथा श्रवण किया जिससे सबका उद्धार हुआ और भक्ति देवी सभी के हृदय में विराजमान हो गई। इस अवसर मुख्य यजमान दुर्गा देवी मोदनवाल, राकेश विश्वकर्मा, विष्णु मोदनवाल, सोहन जयसवाल, राजेश गुप्ता, रामू मोदनवाल, विमलेश आर्य, मनोज मोदनवाल, रमेश मोदनवाल, दीपक, अजय आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय