आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दिन चढ़ने के साथ चढ़ता पारा बेचैनी का सबब बनता जा रहा है। गुरुवार को तो इस साल का सारा रिकार्ड टूट गया। बुधवार को अधिकतम तापमान 44 तो न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि गुरुवार को अधिकतम दो डिग्री सेल्सियस बढ़कर 46 व न्यूनतम एक डिग्री सेल्सियस बढ़कर 31 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। एक ओर तापमान में वृद्धि और दूसरी ओर पांच से 11 किमी रफ्तार से बहने वाली पुरुआ हवा शरीर को पसीने से सराबोर करती रही।
तापमान के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पंखा और कूलर छोड़िए, एसी तक में राहत नहीं मिल रही है। विकास के नाम पर वृक्षों की कटान के कारण पशु-पक्षियों के सामने भी छांव की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंपों के खराब होने से आम आदमी परेशानी का सामना कर रहा है, तो ताल-पोखरों के सूखने से पशु-पक्षी भी परेशान हैं।
धूप के कारण कमरे की छत से लेकर दीवारें आग उगलने लगीं, सड़क अंगारे की तरह दहक रही हैं। मानव से लेकर पशु-पक्षियों की दशा देख यही लगा कि मौसम के तल्ख तेवर के आगे हर कोई लाचार हो गया है। वर्षों बाद गर्मी का ऐसा रूप देखने को मिल रहा है। आसमान से बरस रही आग से सड़कों पर कर्फ्यू जैसी स्थिति दिखाई दी। कारण कि सड़क तवे की तरह से जल रही है।
पिछले कई दिन से तापमान इतना बढ़ गया कि दिन में जन जीवन भी प्रभावित हो रहा है, तो रात में भी चैन नहीं मिल पा रहा है। घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। मौसम गर्म होने से दिनभर लोग परेशान दिखाई दिए। भयंकर गर्मी का असर बाजार पर भी साफ दिखाई दे रहा है। उमस और गर्मी के चलते बाजारों में भी रौनक कम दिखाई दे रही है। हालात ऐसे है पशु-पक्षी भी परेशान हो रहे हैं। घर व प्रतिष्ठान में गर्मी से बचाव के उपाय फेल हो गए हैं।
रिपोर्ट-सुबास लाल