लालगंज आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दस वर्ष से कम उम्र के 8 बच्चे व बच्चियों के नाजरा कुरान मुकम्मल करने पर बसही इकबालपुर में एक संक्षिप्त समारोह आयोजित किया गया। उनके अध्यापक हाफ़िज़ मोहम्मद आदिल ने कहा कि यह बहुत खुशी का मौका है कि हमारे हाथों इन बच्चों ने तालीम हासिल की है। उन्होंने कहा कि इनके माता-पिता बधाई के पात्र हैं जो इन बच्चों के शिक्षा के लिए सजग हैं।
उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान की शिक्षा पूरी तरह मानव स्वभाव और सामान्य ज्ञान के अनुरूप है। मुसलमान कुरान को सही और गलत की कसौटी मानते हैं। हदीस में वर्णित है कि क़ुरआन एक ऐसी अमानत है जिसकी ज़मीन, आसमान और पहाड़ के पीछे हटने पर इंसान ने इसे अपने सीने में महफूज करने की जिम्मेदारी को ले लिया और कुरान को अपनी सफलता या कामयाबी का जरिया बनाया। उन्होंने कहा कि तालीम ऐसी चीज है जो कभी भी व्यर्थ नहीं जाती। इसलिए बच्चों को तालीम की ओर प्रोत्साहित किए जाने की आज सख्त जरूरत है। जब तक तालीम नहीं हासिल की जाती तब तक कौम के हालात बदलने और सुधरने वाले नहीं है। इस मौके पर मुहम्मद करीम पुत्र इश्तियाक अहमद, मुहम्मद ज़ैन पुत्र मुहम्मद हफ़ीज़, इसरा, शारफ़ा, गुड़िया, इलमा, तस्मिया और फातिमा को बधाई दी गयी। यह सभी बच्चे व बच्चियां बसही इकबालपुर के हैं। बच्चों ने भी इस मौके पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर और गले मिलकर बधाई का आदान-प्रदान किया। इनकी इस उपलब्धि पर उनके परिजनों ने खुशी का इजहार किया।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद