रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र के साकीपुर गांव में रामजानकी मंदिर पर चल रही रामकथा का गुरुवार को समापन हो गया। मंदिर प्रांगण में हवन पूजन के बाद भंडारे में प्रसाद वितरण दोपहर से रात तक चला।
अंतिम दिन कथावर्णन मे विद्याधर दास ने सीता हरण के साथ राम रावण युद्ध और अयोध्या मंे राम के राज तिलक का वृत्तांत सुनाया। राम के राजतिलक से अयोध्या मंे दीवाली मनती है। झांकी दर्शन कर श्रोता भी भक्ति मंे गोता लगाते रहे।
कथावाचक विद्याधर दास महराज ने बन में हनुमान जी की राम से मित्रता, सीता हरण के साथ ही राम रावण के युद्ध का वृतांत सुनाया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर रावण के अत्याचार से मुक्ति के लिए ही अवतार लिए श्रीराम ने रावण का अंत करके असत्य पर सत्य की बिजय पाई। युद्ध में साफ दिखता है कि अच्छे कर्मों से ही महान बना जा सकता है। सतकर्म ही महान है। युद्ध के बाद श्रीराम अपने मित्रों के साथ जब पुष्पक विमान से अयोध्या आते हैं सामने गुरु के साथ माताओं से मिलते हैं। माताएं बताती है महल से दूर कुटिया बनाकर भरत भी राह का इंतजार कर रहे हैं। सभी से भावबिभोर मिलन के बाद अयोध्या में राम का राज तिलक होता है। राम के राजा बनते ही श्रीराम का जयघोष होने लगता है। कार्यक्रम में राहुल तिवारी, डा.ओम विजय तिवारी, अभय तिवारी, अजय तिवारी आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा