रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कृषि महाविद्यालय कोटवा में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। मृदा एवं जल जीवन का स्रोत, विषय पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो.धीरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। उन्हों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से खेती वाली जमीन कम होती जा रही है, आने वाले सालो में और कम हो जाएगी। अपनी खेती योग्य भूमि को बचायंे।
उन्होंने कहा कि पॉलिथीन का उपयोग कर के मिट्टी को ख़राब न करें। हमारी सरकार और कृषि वैज्ञानिक मृदा को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बना रहे हैं और कुछ योजनाओं का हम सब अमल भी कर रहे हैं। डॉ.विनोद कुमार ने टिकाऊ कृषि उत्पादन एवं जलवायु परिवर्तन के विषय मे विस्तार से बताया। सह प्राध्यापक डॉ महेंद्र सिंह ने टिकाऊ कृषि उत्पादन एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए जैव उर्वरक के उपयोग पर बल दिया। कृषि स्नातक के प्रथम वर्ष के छात्र सुमित पांडे ने बताया कि मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए मृदा क्षरण को रोकना होगा। अमित कुमार ने मृदा स्वस्थ प्रबंधन के बारे में बताया। पुष्पपेंद्र मिश्रा ने मृदा संरक्षण की बात कही। इस अवसर पर अभय सिद्धार्थ, डॉ.विनय कुमार सिंह, डॉ.महेंद्र सिंह, डॉ. संतोष कुमार, डॉ.अशोक कुमार सिंह, डॉ.अनिल कुमार सिंह, डॉ.विमलेश कुमार, डॉ.विनोद कुमार एवं डॉ.संदीप कुमार पांडेय डॉ.विजय लक्ष्मी राय, डॉ.टी पंडिआराज, डॉ.रेनू गंगवार, डॉ.विमल कुमार आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा