मानव का सबसे बड़ा शत्रु है अज्ञान: रघुवीर दास

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अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। गोला बाजार हनुमानगढ़ी पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा के पंचम दिवस गोविंद साहब धाम अयोध्या से पधारे कथा व्यास रघुवीर दास जी महाराज ने भगवान श्रीराम के विवाह प्रसंग का श्रवण कराया।
व्यास जी ने बताया कि माता सीता का विवाह धनुष भंग के अधीन था। भगवान ने धनुष का खंडन किया और माता सीता जी ने भगवान के गले में विजय माला पहनाया। भगवान श्रीराम का विवाह उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने बताया कि जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। मानव का सबसे बड़ा शत्रु अज्ञान है। अज्ञानता के कारण ही हमारे अंदर काम क्रोध मद लोभ उपस्थित होता है जिससे ग्रसित होकर हम अधर्म कार्य पर बैठते हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस की एक चौपाई मानव कल्याण के लिए औषधि का कार्य करती है। एक भी चौपाई अपने जीवन में धारण कर लंे तो जीवन जीने का मार्ग मिल जाएगा और कभी भी अधर्म के पथ पर नहीं चलेगा। समस्त जीव जंतु संत महात्मा मानव से प्रेम करना ही भगवत भक्ति का लक्षण है। इस मौके पर दिलीप सोनी, पिंटू, रमाकांत मद्धेशिया, रंजीत कुमार, कुमार मद्धेशिया, संतराम, आशीष सोनी, मुकेश कुमार सोनी आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-आशीष निषाद

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