आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आदिवासी विकास संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.शिवबचन के नेतृत्व में रविवार को डा.अम्बेडकर पार्क कलेक्ट्रेट में आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा का 123वां शहादत दिवस (बलिदान दिवस) मनाया गया। आदिवासी वि.संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.शिवबचन के नेतृत्व में मौजूद लोगों ने उनके पद चिह्नों पर चलने का संकल्प लिया।
गणेश प्रसाद गौतम आदिवासी वि.संघ के उत्तर प्रदेश मुख्य प्रभारी ने कहा कि भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे जिन्होंने झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को सांसत में डाल दिया। राष्ट्रीय सचिव डा.चन्द्रजीत सक्सैना ने कहा कि बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिसके कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर संस्थापक डा.एसके गौतम, संरक्षक डा.अजीत कुमार, डा.धर्मेन्द्र कुमार महिला मंडल अध्यक्ष किरन सरोज, महिला प्रदेश मंत्री निशा बनवासी सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार