बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, बन्धों का समय के पूर्व करें निरीक्षण-जिलाधिकारी

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर सायं कलेक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, आजमगढ़ में बाढ़ पूर्व तैयारी के क्रियान्वयन एवं आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण योजना-2023-24 को अद्यतन करनें हेतु बैठक की गयी।
जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदारों को निर्देशित किया कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, बन्धों आदि का समय के पूर्व विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर लें तथा स्थानीय स्तर पर चर्चा कर तैयारी बैठक आयोजित कर लें। उन्होने कहा कि संवेदनशील एवं क्षतिग्रस्त हुए बन्धों की मरम्मत आदि का कार्य अवश्य पूर्ण कर लिया जाय। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये वार्षिक कार्य योजना पूर्ण कर ली जाय। बाढ़ से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों, परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने तथा राहत कैम्प के संचालन के लिये स्थान का पूर्व से ही चयन कर लिया जाये एवं जनरेटर तथा मेंडिकल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। राहत कैम्पों में एक व्यक्ति को रहने के लिये लगभग 3.5 वर्ग मीटर के अन्तर की आवश्यकता होती है, परन्तु वर्तमान में कोरोना महामारी के दृष्टिगत यह अन्तर लगभग 5 वर्ग मीटर का होना आवश्यक है, इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करायें एवं साथ ही साथ हर राहत कैम्प में हाथ धोने एवं साफ सफाई पर भी विषेष ध्यान देना अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक राहत कैम्प की शेनेटाइजेशन दिन में दो बार अवश्य कराया जाये। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने समस्त संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सौपें गये दायित्वों को जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन करेंगे। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी वि.रा. आजाद भगत सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी सहित समस्त संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मोटर वोट नावों एवं नाविकों की करें व्यवस्था
आजमगढ़। जिलाधिकारी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों एवं नाविकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी तथा सघन समीक्षा कर उनका सही डिप्लायमेंट किया जायेगा। जनपद में उपलब्ध मोटरबोट नावों की डिप्लायमेंट के उपरांत यदि अतिरिक्त मोटरबोट नाव की आवश्यकता पड़ती है तो उसका आंकलन कर अपने सीमावर्ती जनपद अथवा आस-पास के जनपदों से समन्वय स्थापित कर आवश्यकतानुसार मोटरबोट नाव की मॉंग की जायेगी एवं मांग की एक प्रति राहत आयुक्त कार्यालय को भी उपलब्ध करायी जायेगी। इस कार्य हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा जो नायब तहसीलदार से अन्यून न हो। पशुओं के लिये पशुशाला, कैम्प के स्थान का पूर्व से ही चिन्हांकन कर लिया जाय, साथ ही सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर पशुओं के लिये चारे एवं भूसे की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाय।
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कंट्रोल को करें सक्रिय, लोगों को करें जागरुक
आजमगढ़। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित है, जिसका नं0-05462-220220 एवं 9454417172 है। उन्होने कहा कि तहसील स्तर का कंट्रोल रूम सक्रिय कर दें व इसका प्रचार-प्रसार भी करें। उन्होने कहा कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के पूर्व बाढ़ से सम्बन्धित कार्य में लगे जनपद स्तर के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों, नाविकों के मोबाइल नम्बर तथा पते की डायरेक्टरी तैयार कर ली जाय। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के पूर्व जनपद स्तर पर जीवन रक्षक औषधियों की पर्याप्त उपलब्धता सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित की जाय।
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जीवन रक्षक औषधि के समुचित स्टाक की करें व्यवस्था
आजमगढ़। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि औषधियों एवं विसंक्रमणों की उपलब्धता के अर्न्तगत जीवन रक्षक औषधि, ओआरएस, एन्टी स्नेक वेनम, ब्लीचिंग पाउडर, कारबोलिक एसिड आदि की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता हो। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पर्याप्त वांछित दवाईयों का चिन्हांकन कर समुचित स्टॉक की व्यवस्था सुनिश्चित कराना। संक्रामक रोगों एवं महामारियों से बचाने के लिए आवश्यक प्रतिरोधात्मक (टीकाकरण) व्यवस्था एवं सघन चिकित्सीय व्यवस्था, बाढ़ राहत कैम्पो में डाक्टरों की तैनाती एवं चिकित्सीय व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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कृषि भूमि, फसलो के बचाव हेतु करें समुचित व्यवस्था
आजमगढ़। उन्होने कृषि एवं उद्यान विभाग को निर्देशित किया कि बाढ़ से प्रभावित कृषि भूमि, फसलो के बचाव हेतु समुचित व्यवस्था करें एवं किसानों को बाढ़ से हुये नुकसान की राहत हेतु कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि पशुओं के चारों की ब्यवस्था हेतु कार्ययोजना तैयार कर लें एवं पशु चिकित्सालयों में पशुओं के उपचार के संसाधन एवं दवाइयों, टीकाकरण की समुचित व्यवस्था, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु कैम्पों का चिन्हीकरण एवं पशु कैम्पों में चारे की समुचित व्यवस्था व महामारी के नियंत्रण हेतु दवाओं का चिन्हांकन कर समुचित स्टॉक की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। उन्होने पंचायती राज, ग्राम्य विकास विभाग को निर्देश दिया कि गांवो के आंतरिक सम्पर्क मार्गों की मरम्मत का कार्य, स्ट्ररट लाइट की मरम्मत का कार्य कराना सुनिश्चित करें।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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