चैत्र नवरात्री: विंध्याचल धाम में जुटा आस्था का सैलाब

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मां की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों का इंतजार कर रहे हैं

मीरजापुर (सृष्टि मीडिया)। मां विंध्यवासिनी धाम में चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर आस्था का सैलाब उमड़ा है। श्रद्धालुओं ने सिद्धिदात्री मां दुर्गा स्वरूप में मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया।  मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए भक्तों में होड़ मची रही। मंदिर की ओर जानेवाली गलियों में दर्शनार्थी लाइन लगाकर दर्शन करने लगे। मां की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों का इंतजार कर रहे हैं। जय माता दी के नारों से विंध्याचल का कोना-कोना गुंजायमान है। मंदिर के आस पास और सड़कों पर सुरक्षा का कड़ा पहरा है।

प्रशासन की ओर से मुकम्मल व्यवस्था

गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु हाथों में माता का प्रसाद, नारियल व चुनरी लिए मंदिर की ओर बढ़ते जा रहे हैं। भारी भीड़ के बीच कोई गर्भगृह तो कोई झांकी से ही मां के भव्य स्वरूप का दर्शन कर रहा है। दर्शन-पूजन के साथ ही न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी मार्ग के अलावा पक्काघाट मार्ग से मंदिर की ओर पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से मुकम्मल व्यवस्था की गई है। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के पश्चात त्रिकोण मार्ग पर स्थित मां काली व अष्टभुजा देवी के मंदिर में भी लंबी कतार लगी है। तीनों देवियों के दर्शन के पश्चात हवन कुंड में आहुति डाली। सुबह से ही तीनों प्रमुख मंदिरों में माता के जयकारे व घंट घड़ियाल गूंज रहे हैं। नवमी तिथि के दिन भक्त मां विंध्यवासिनी के सिद्धिदात्री स्वरूप के दर्शन कर रहे हैं। मां विंध्यवासिनी का यह स्वरूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है।

देर रात से ही उमड़े श्रद्धालु

परिसर में विराजमान सिद्धिविनायक सहित मां काली, मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां शीतला, माता लक्ष्मी, पंचमुखी महादेव, दक्षिणमुखी हनुमान, राधा कृष्ण, डाक भैरव व बटुक भैरव सहित कई अन्य देवी देवताओं के मंदिरों में जाकर श्रद्धालु बड़े श्रद्धा भाव से शीश नवाकर दर्शन-पूजन कर रहे हैं। विंध्याचल दरबार के साथ ही मां अष्टभुजी देवी व महाकाली मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों की फूल, पत्तियों और रंग-बिरंगे झालरों से की गई सजावट अलौकिक छटा बिखेर रही है। विंध्याचल में बुधवार रात से ही भारी संख्या में चार पहिया वाहनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। धाम के आसपास सभी होटल, धर्मशाला, लॉज आदि बुक हो गए। वाहन स्टैंड भी भर गए। सुबह मंगला आरती के पश्चात कपाट खुलते ही भक्त नारियल, चुनरी, फूल माला, प्रसाद आदि पूजन सामग्री के साथ कतार में लगकर दर्शन किए। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया वैसे ही भीड़ उमड़ती रही।

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