आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। अपने साथियों के साथ खेलते वक्त पैर फिसल जाने से एक बालक का हाथ इस कदर फैक्चर हो गया कि उसे कई डाक्टरों को दिखाने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा है। थक हार के पीजीआई पहुंचे पिता को डाक्टरों ने बताया कि बालक के हाथ में सड़न हो रही है इसके इलाज के लिए 12 लाख खर्च होगें। यह सूचने ही पिता के पैरों तले जमीन खिसक गयी।
अतरौलिया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत गोविन्दपुर निवासी वीरेन्द्र मौर्य का एकलौता सात वर्षीय पुत्र राज बहादुर मौर्य जो कक्षा दो का छात्र है। बालक पिछले वर्ष 23 नवम्बर को अपने साथियों के साथ खेल रहा था कि उसी दौरान उसके दाहिने हाथ में चोट लगने से फैक्चर हो गया। अपने बच्चे का हाथ टूटने की सूचना मिलते ही माता पिता परेशान हो गये और बालक को लेकर अतरौलिया स्थित जय गुरुदेव अस्पताल ले गये। जहां डाक्टरों ने बताया कि बच्चे के हाथ में फैक्चर हो गया है और बच्चे के हाथ में प्लास्टर लगा दिया। कुछ दिन इलाज करने के बाद भी बच्चे को आराम नहीं हुआ घाव बढ़ता गया। बच्चे के माता पिता लछिरामपुर स्थित हड्डी अस्पताल में डा. आरबी त्रिपाठी को दिखाया बच्चे को वहां भी आराम नहीं मिला। बच्चे के दर्द से माता पिता काफी परेशान हो गये थें और थक हार कर अपने बच्चे के इलाज के लिए लखनऊ स्थित पीजीआई में दिखाये। रिपोर्ट देखने के बाद पीजीआई के चिकित्सकों ने दवा इलाज में 12 लाख रुपये खर्च बताया। डाक्टरों ने बताया कि बच्चे के हाथ की कई बार प्लास्टिक सर्जरी होगी तब जाकर इसका हाथ सही होगा नहीं तो बच्चे का हाथ काटकर निकालना पड़ेगा। यह सुनकर बच्चे के माता पिता के पैरों तले जमीन खिसक गयी। गरीबी हालत में जीवन यापन कर रहे दम्पत्ति को कुछ भी सूझ नही रहा था। धन के अभाव में लाचार पिता अपने कलेजे के टुकड़े को लेकर घर वापस आ गया। वीरेन्द्र की माली हालत ठीक नहीं है वह किसी तरह से मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उनके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं है खेती के नाम पर मात्र 10 विस्वा जमीन है गरीब असहाय पिता ने अपने कलेजे के टुकड़े के इलाज के लिए जनप्रतिनिधि एवं जनता से मदद की गुहार लगाया है।
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अतरौलिया की धरती पर करुगां भिक्षाटन-रामकुंवर
आजमगढ़। अतरौलिया ग्राम पंचायत गोविन्दपुर निवासी वीरेन्द्र को जानकारी मिली कि सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव गरीब असहायों की मदद करते हैं उनसे उन्होने फोन से सम्पर्क किया तो रामकुंवर यादव ने कहा कि अगर सरकारी सुविधा नहीं मिली तो मैं बच्चे के इलाज के लिए हर संम्भव मदद करुगा। बालक के जीवन को बचाने के लिए पूरा प्रयास किया जायेगा। जरुरत पड़ी तो अतरौलिया की धरती पर भिक्षाटन करुंगा।
रिपोर्ट-सुबास लाल/प्रमोद यादव