अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। रमजान रहमत और बरकत वाला महीना है। इसी महीना में कुरान पाक उतारा गया। इसी में शबे कद्र है. इसके दिन में रोजा फर्ज किया गया और रात में तरावीह की नमाज़। जो इसमें नेकी का कोई काम करे तो ऐसा है जैसे और किसी महीने में फर्ज अदा किया और इसमें जिसने फर्ज अदा किया तो ऐसा है जैसे और दिनों में 70 फर्ज अदा की। उक्त बातें मौलाना मोहम्मद अब्दुल बारी नईमी पेश इमाम जामा मस्जिद अतरौलिया एवं उस्ताद मदरसा अरबिया ंिप्रम नईमी सरैया पहाड़ी ने कही।
उन्होंने कहा कि यह महीना सब्र का है और सब्र का सवाब जन्नत है। इस महीना में लोगों की रोजी बढ़ा दी जाती है। यह महीना हमदर्दी और खैर खाही है जो इसमें किसी रोजादार को इफ्तार कराए तो उसके गुनाहों के लिए बख्शीश है और उसकी गर्दन जहन्नम की आग से आजाद कर दी जाएगी। रोजा इफ्तार कराने वाले को वैसा ही सवाब मिलेगा जैसा रोजा रखने वाले को मिलेगा। जिसने रोजादार को पेट भर खाना खिलाया उसको अल्लाह ताला आबे कौसर से पिलाएगा कि कभी प्यासा न होगा। यहां तक की जन्नत में दाखिल हो जाएगा। इसका पहला अशरा रहमत और दूसरा मगफिरत और तीसरा जहन्नम से आजादी का है। इसलिए इस महीना में छोटे-बड़े तमाम तरह के गुनाहों से बचते हुए ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अपने रब को राजी करने वाला काम करना चाहिए।
रिपोर्ट-आशीष निषाद