विश्वनाथ धाम और सारनाथ को भी मिलेगी जगह
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। एससीओ देशों के पर्यटन कैलेंडर में काशी के सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन स्थलों को शामिल करने पर सहमति बनी है। इससे पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पर्यटन मंत्रियों के समूह से पहले पर्यटक विशेषज्ञ कार्य समूह के सदस्य भी वाराणसी आए थे। इन सबने पर्यटन से संबंधित जो प्रस्ताव तैयार किया था, उसे मंत्री समूह ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत काशी विश्वनाथ धाम, तथागत की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ और बनारस की धरोहरों की भी जानकारी दी जानी है। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार की संभावना बढ़ेगी। दरअसल, वाराणसी को एससीओ देशों का पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। अब एससीओ देबों के बीच अंतर सांस्कृतिक और शैक्षणिक आयोजन होंगे। इससे एक दूसरे देश के सभ्यता, संस्कृति की जानकारी मिल सकेगी। एससीओ देशों के समूह में दुनिया के आठ देश शामिल हैं।
गंगा आरती भी देखेंगे एससीओ देशों के पर्यटन मंत्री
एससीओ देशों के पर्यटन मंत्री शनिवार को गंगा आरती भी देखेंगे। दशाश्वमेध घाट पर आरती देखेंगे, फिर नमो घाट से क्रूज पर सवार होकर घाटों को देखने जाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम जाकर दर्शन-पूजन भी कर सकते हैं। सारनाथ भी जाने का कार्यक्रम है। बैठक में कजाकिस्तान के संस्कृति और खेल उप-मंत्री येरजान येरकिनबायेव, चीन के संस्कृति और पर्यटन उप-मंत्री लू यिंग चुआन, किर्गिज गणराज्य के संस्कृति उप-मंत्री सामत बेक्तुरोविच शतमानोव और उज्बेकिस्तान गणराज्य के पहले संस्कृति और पर्यटन उप-मंत्री आजमोव उलुगबेक एक्समातोविच ने हिस्सा लिया। रूस के आर्थिक विकास उप-मंत्री व्लादिमीर एवगेनविच इलिचेव, ताजिकिस्तान गणराज्य की पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष मुमिनजोद कमोलिद्दीन व पाकिस्तान के पर्यटन और खेल सलाहकार औन चौधरी ने ऑनलाइन हिस्सा लिया।